By अंकित सिंह | Oct 18, 2022
प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह भी हमने कई मुद्दों पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में हमेशा की तरह मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर जिस तरीके से बयानबाजी का दौर देखने को मिला, वह वाकई लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। गुजरात आम आदमी पार्टी के प्रमुख गोपाल इटालिया हो या फिर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, दोनों ने जिस तरीके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए शब्दों का इस्तेमाल किया, वह वाकई निंदनीय है। इसी को लेकर हमने प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे से सवाल पूछा। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि जिस तरीके से नेताओं की ओर से बयान बाजी की जा रही है उससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि विपक्ष विकास के मुद्दे पर बात करना ही नहीं चाहता है। विपक्ष इस तरह के बयान देकर असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहता है।
नीरज दुबे ने कहा कि पहले यह आरोप सत्तारूढ़ पार्टी पर लगते थे। लेकिन अब ऐसा लगता है कि विपक्ष नहीं चाहता कि काम के मुद्दे पर बात हो। तभी इस तरह के बयान दिए जाते हैं। विपक्ष को यह पूछना चाहिए था कि गुजरात में आपने 27 साल से क्या काम किया है? लेकिन यह पूछने की बजाए विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहा है। नीरज दुबे ने यह भी कहा कि अगर लोकतंत्र में प्रधानमंत्री पर हमले होते हैं। लेकिन कहीं ना कहीं उनकी मां के खिलाफ जो टिप्पणी की गई, वह अत्यंत निंदनीय है। प्रधानमंत्री की जाति पर टिप्पणी भी गलत है। उन्होंने कहा कि जो लोग भी प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं, उनके भीतर ऐसा लगता है कि लोकतंत्र का सम्मान नहीं है। दुबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैरियर को अब तक हम देखें तो जब जब उनके खिलाफ निजी हमले हुए हैं उससे उन्हें मजबूती मिली है वह और मजबूत होकर उभरे हैं।
इसके साथ ही नीरज दुबे ने तंज भरे लहजे में कहा कि चाहे इटली वाले हो या फिर इटालिया हो, अगर नरेंद्र मोदी के खिलाफ निजी हमले हुए तो उसका दुष्परिणाम उनको भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जनता जवाब देती है। नरेंद्र मोदी की ओर से कोई जवाब नहीं दिया जाता है। इसके बाद नीरज दूबे ने ललन सिंह के बयान पर भी अपनी टिप्पणी की। नीरज दुबे ने कहा कि दुश्मनी इतनी भी नहीं मोल लेनी चाहिए कि जब हम दोबारा मिले तो आंखें मिला सके। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री को ढोंगी और बहुरूपिया बता रहे हो लेकिन जब संसद का सत्र होगा तो आप उनसे नजर कैसे मिला पाओगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि विपक्ष के पास मोदी के खिलाफ कुछ भी नहीं है। इसलिए वह मोदी के खिलाफ कुछ भी बोल कर ब्रांड मोदी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस बात की संभावना जताई कि यह कोशिश सफल नहीं होगी।
ब्रांड मोदी का जिक्र करते हुए नीरज दुबे ने कहा कि इसमें क्या कुछ है, उसका बखान भाजपा नेताओं की ओर से लगातार किया जाता रहा है। आगे भी भाजपा लगातार इसको करती रहेगी। नीरज दुबे ने इस बात की चिंता जताई कि जैसे ऐसे गुजरात और हिमाचल में मतदान के दिन नजदीक आएंगे, निजी हमलों में बढ़ोतरी देखी जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों के खिलाफ चुनाव आयोग को एक्शन लेना चाहिए। अदालतों को भी एक्शन लेना चाहिए। इसके साथ ही नीरज दुबे ने कहा कि सरकार कुछ भी नहीं करती हैं और सरकार ने चुनाव आयोग को कभी भी इतनी ज्यादा ताकत नहीं दी है। इसके साथ नीरज दुबे ने कहा कि यह सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की माता जी के अपमान की बात नहीं है बल्कि यह महिलाओं के अपमान की बात है।
- अंकित सिंह