किसानों के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को लिया आड़े हाथ

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 19, 2017

राज्यसभा में आज विपक्षी सदस्यों ने देश में अन्न संकट के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाते हुए कहा कि शून्य आयात शुल्क (जीरो ड्यूटी इम्पोर्ट) की वजह से किसानों को अपनी फसल औने पौने दामों में बेचनी पड़ रही है और देश का अन्नदाता आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है। उच्च सदन की बैठक शुरू होने के तत्काल बाद ही सदस्यों ने किसानों का मुद्दा उठाया। इस मुद्दे पर कार्यवाही स्थगित कर चर्चा करने के लिए कई सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिए थे।

 

उप सभापति पीजे कुरियन ने बताया कि इस मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा करने के लिए उन्हें कांग्रेस के आनंद शर्मा, प्रमोद तिवारी, जदयू के शरद यादव, सपा के राम गोपाल यादव और नरेश अग्रवाल के नोटिस मिले हैं। कुरियन ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मंजूरी दी जा चुकी है और जब बहस होगी तब सदस्य अपनी बात रख सकते हैं।

 

इससे पहले यह मुद्दा उठाते हुए जदयू के शरद यादव ने कहा कि हर दिन कम से कम 15 से 20 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों ने विषम हालात में भी दालों का उत्पादन 33 फीसदी बढ़ाया लेकिन सरकार ने आयात शुल्क शून्य कर दिया जिससे सस्ती दालों की खेप देश में आने लगी। इसकी वजह से किसान अपने उत्पाद को औने पौने दामों में बेचने पर मजबूर हो गये।

 

कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि किसानों को उनके उत्पाद के उचित मूल्य के बजाय गोलियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए देश भर से किसानों के प्रतिनिधि राजधानी दिल्ली आ कर जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। अन्य दलों के सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखनी चाही लेकिन उप सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जब मंजूरी दी जा चुकी है तब सदस्यों को बहस के दौरान ही अपने अपने मुद्दे उठाने चाहिए।

 

इससे पहले बैठक शुरू होने पर सपा के नरेश अग्रवाल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हो चुकी हैं और सांसदों के वेतन भत्तों के लिए योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गठित समिति भी अपनी सिफारिशें दे चुकी है। इसके बावजूद सांसदों के वेतन भत्तों में कोई वृद्धि नहीं की गई। उन्होंने शिकायत की कि विधायकों और सचिवों तक का वेतन सांसदों से अधिक है और मीडिया में इस तरह का प्रचार किया जाता है मानो सांसद विलासितापूर्ण जीवन जी रहे हैं।

 

कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि यह मुद्दा सभी सांसदों से जुड़ा है और संसद नियमों से चलती है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुस्तान में सांसदों को बहुत अपमानित और प्रताड़ित कर कहा जाता है कि ये लोग अपना वेतन खुद ही बढ़ा लेते हैं। उन्होंने मांग की कि सांसदों का वेतन वरिष्ठ नौकर शाह से एक रूपया अधिक होना चाहिए।

 

प्रमुख खबरें

मिजोरम के 118 गांव वर्षभर आवाजाही लायक सड़कों से नहीं जुड़े: राज्यपाल

नौका-नौसैन्य पोत की टक्कर: लापता सात वर्षीय लड़के का शव मिला, मृतक संख्या बढ़कर 15 हुई

Assam Police Arrests Terror Suspects | असम पुलिस ने बहु-राज्यीय अभियान में 8 संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया

Delhi Assembly Polls | दिल्ली के पूर्व बस मार्शल विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, 5 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित