By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 19, 2021
दुबई। ओपेक और संबद्ध देशों के बीच रविवार को एक ‘पूर्ण सहमति’ बनी जिसके तहत पांच ओपेक/गैर ओपेक देश कच्चे तेल का उत्पादन अगस्त से बढ़ाएंगे। इससे पहले इन देशों के बीच विवाद से तेल की कीमतें प्रभावित हुई थीं। तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और उसके साथी उत्पादक देशों की की आनलाइन बैठक के बाद रविवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि इराक, कुवैत, रुस, सऊदी अरब और यूएई के तेल उत्पादन की सीमा बढ़ेगी। रुस ओपक का सहयोगी है। ओपेक देशों ने कहा कि अगस्त से उसके उत्पादन में हर माह दैनिक 4,00,000 बैरल की बढ़ोतरी की जाएगी और इस तरह इस समय लागू 58 लाख बैरल/दैनिक की कटौती धीरे धीरे 2022 के अंत तक समाप्त हो जाएगी। ऑनलाइन बैठक के बाद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के ऊर्जा मंत्री सुहैल-अल-मजरूई नेपत्रकारों को एक (पूण सहमति) बनने की जानकारी दी थी। हालांकि, उन्होंने तत्काल इसका ब्योरा नहीं दिया था। लेकिन सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री शहजादा अब्दुलअजीज बिन सलमान ने यह जरूर कहा कि समूह के बीच उत्पादन सीमा को लेकर समायोजन होगा।
बाद में ओपेक के बयान में पांच देशों का उत्पादन स्तर बढ़ाने पर सहमति की जानकारी दी गयी। नयी निर्धारित उत्पादन सीमाओं के अतर्गत यूएई मई 2022 से प्रति दिन 35 लाख बैरल का उत्पादन कर सकेगा। खबरों के अनुसार यूएई पहले अपने लिए 38 लाख बैरल/ दैनिक उत्पादन की सीमा की मांग कर रहा था। इसी तरह सऊदी अरब की दैनिक उत्पादन सीमा 1.10 करोड़ बैरल से बढ कर 1.15 करोड़ बैरल हो जाएगी। रुस की भी उत्पादन सीमा इतनी ही रहेगी। इराक और कुवैत की दैनिक उत्पादन सीमा में बढ़ोतरी इससे कुछ कम रहेगी। ओपेक के बयान में यह स्वीकार किया गया है कि तेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। उसने कहा है कि ‘दुनिया के अधिकतर हिस्सों में टीकाकरण कार्यक्रम तेज होने से आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है।’ इससे पहले इसी महीने उत्पादन को लेकर बातचीत टूट गई थी, क्योंकि यूएई अपना खुद का उत्पादन स्तर बढ़ाना चाहता था। इससे यूएई तथा सऊदी अरब के बीच तनाव बढ़ गया था। अल मजरूई ने कहा, ‘‘यूएई इस समूह के प्रति प्रतिबद्ध है और हमेशा उसके साथ काम करेगा। हम बाजार संतुलन और सबकी मदद के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।’’
सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री शहजादा अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान ने कहा, ‘‘हमारे संबंध आप की कल्पना से कहीं अधिक बढ़ कर हैं।’ लेकिन वह यह बताने को तैयार नहीं हुए कि यह सहमति किस तरह बनी। उन्होंने कहा, ‘यह बता देने से इस इस गठजोड़ को रहस्य और चतुराई के कारण मिलने वाला लाभ खत्म हो जाएगा।’ कोरोना वायरस महामारी के बीच जेट ईंधन तथा वाहन ईंधन की मांग घटने से कच्चे तेल की कीमतों में जबर्दस्त गिरावट आई थी। दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में टीकाकरण की रफ्तार तेज होने के बाद मांग में सुधार हुआ है। बेंचमार्क ब्रेंट कच्चा तेल शुक्रवार को 73 डॉलर प्रति बैरल पर के भाव पर चल रहा था। शहजादा अब्दुलअज़ीज़ ने यह भी बताया कि ओपेक के सदस्य अल्जीरिया और नाइजीरिया ने अपने ऊपर लागू उत्पादन सीमाओं को लेकर कुछ चिंता जताई है। वर्ष 2016 में कच्चे तेल के भाव 30 डालर / बैरल से नीचे आ गए थे। बाजार को उठाने के लिए गठबंधन ने रुस जैसे बड़े देश का सहारा लिया। ओपेक और रुस जैसे उसके सहयोगियों ने 2020 में कच्चे तेल के दैनिक उत्पादन में एक करोड़ बैरल की रिकार्ड कटौती की सहमति बनायी ताकि दाम चढ़ सके।उसके बादधीरे धीरे 42 लाख बैरल उत्पादन बढ़ा कर कटौती हल्की कर दी गयी। अभी 58 लाख बैरल / दैनिक की कटौती लागू है।