By अंकित सिंह | Jul 18, 2022
उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 से पहले लगातार भाजपा के खिलाफ हमलावर रहने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर इन दिनों थोड़े बदले-बदले दिखाई दे रहे हैं। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ रिश्तो में तवान के बीच ओमप्रकाश राजभर भाजपा के करीब आते दिख रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के दौरान भी दोनों दलों के बीच बेहद गर्मजोशी दिखाई दी। हालांकि, पहले ही ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन होने के बावजूद भी एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। इसे अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था। राजनीतिक विश्लेषक तो यह भी मानते हैं कि अखिलेश यादव फिलहाल अपने कुनबे को अच्छी तरह से नहीं संभाल पा रहे हैं। जबकि शिवपाल यादव और ओमप्रकाश राजभर को अपने पाले में करने को लेकर योगी आदित्यनाथ की खूब तारीफ हुई है।
आज ओमप्रकाश राजभर लखनऊ में राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के दौरान भाजपा नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ दिखाई दिए। इस दौरान दोनों के चेहरों पर मुस्कान थी और दोनों विक्ट्री साइन दिखा रहे थे। ओमप्रकाश राजभर ने साफ तौर पर कहा कि द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर ही गुजरता है। और वह भारी मतों से जीतेंगी। सुभासपा प्रमुख ने स्पष्ट किया था कि सपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन बरकरार है और वह गठबंधन से अलग नहीं हो रहे हैं। राजभर ने कहा था, मैं अभी भी समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में हूं। राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रही है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सुभासपा के छह विधायक हैं, जिनमें राजभर भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सुभासपा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ थी और राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद सत्ता में शामिल भी हुई थी लेकिन बाद में पार्टी (सुभासपा) सरकार से अलग हो गयी थी।
इससे पहले ओमप्रकाश राजभर ने तो यह भी कह दिया है कि वह अखिलेश यादव की ओर से तलाक मिलने का इंतजार कर रहे हैं। वह खुद से इस गठबंधन से बाहर नहीं होंगे। सुभासपा और सपा के बीच तल्खी तब नजर आयी थी जब राष्ट्रपति पद के लिये विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की पत्रकार वार्ता में सपा ने एक अन्य सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रमुख जयंत सिंह को तो बुलाया था; लेकिन सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर नजर नहीं आयें। राजभर ने कहा था कि उनकी पार्टी (सुभासपा) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रपति चुनाव में राजग की उम्मीदवार मुर्मू तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपील पर उनका (मुर्मू का) समर्थन करने का फैसला किया है। राजभर के इस ऐलान का भारतीय जनता पार्टी ने स्वागत किया है, जबकि सपा ने उनकी आलोचना की।