नयी दिल्ली। ओएनजीसी ने इंडियन ऑयल को पछाड़कर सबसे अधिक मुनाफे में रहने वाली घरेलू सरकारी कंपनी का तमगा फिर से हासिल कर लिया। सूचीबद्ध कंपनियों के वित्तीय परिणामों के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में ओएनजीसी का शुद्ध मुनाफा 34% बढ़कर 26,716 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान इंडियन ऑयल का शुद्ध मुनाफा 17,274 करोड़ रुपये रहा। इससे पहले लगातार दो वित्त वर्ष के दौरान इंडियन ऑयल ने ओएनजीसी से अधिक मुनाफा अर्जित किया था।
तेल की कीमतों में गिरावट के कारण इंडियन ऑयल का मुनाफा कम हुआ है। इसी कारण कंपनी ने सर्वाधिक कारोबार वाली भारतीय कंपनी का तमगा भी मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्रीज के हाथों खो दिया। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान इंडियन ऑयल का शुद्ध मुनाफा 21,346 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान ओएनजीसी को 19,945 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। रिलायंस इंडस्ट्रीज लगातार चौथे साल सर्वाधिक मुनाफा कमाने वाली भारतीय कंपनी बनी रही। एक दशक पहले रिलायंस कंपनी का आकार इंडियन ऑयल की तुलना में आधा था, लेकिन बाद में कंपनी ने दूरसंचार, खुदरा और डिजिटल सेवाओं जैसे क्षेत्रों में कारोबार की शुरुआत की, जिससे उसे तेजी से विस्तार करने में मदद मिली।
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रिलायंस इंडस्ट्रीज को वित्त वर्ष 2018-19 में 39,588 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ। इस दौरान उसका कारोबार 6.23 लाख करोड़ रुपये रहा। इसकी तुलना में इंडियन मोबाइल का कारोबार 6.1 साथ लाख करोड़ रुपये रहा। रिलायंस अब राजस्व, मुनाफा और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। पिछले वित्त वर्ष में रिलायंस का राजस्व 44% बढ़ा। वित्त वर्ष 2010 से 2019 के दौरान रिलायंस का राजस्व सालाना 14% से अधिक की दर से बढ़ा। इसकी तुलना में इंडियन ऑयल का राजस्व वित्त वर्ष 2018-19 में 20% बढ़ा तथा 2010 से 2019 के दौरान सालाना 6.3% की दर से बढ़ा।