By अनुराग गुप्ता | Jun 16, 2021
नयी दिल्ली। लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर चाचा और भतीजे में वर्चस्व की लड़ाई जारी है। एक-दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं। पहले चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चाचा पशुपति पारस पर हमला बोला और अब चाचा पशुपति पारस का बयान सामने आया है। पशुपति पारस ने पार्टी के संविधान का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें साफ लिखा है कि एक व्यक्ति एक पद।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पशुपति पारस ने कहा कि हमारी पार्टी के संविधान में साफ लिखा है कि एक व्यक्ति-एक पद । चिराग पासवान 2013 से पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन हैं, 2019 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, इसके लिए चुनाव नहीं हुआ, नामांकन नहीं हुआ। इसके बाद वो संसदीय दल के नेता बनें।
उन्होंने आगे कहा कि पार्टी के संविधान के खिलाफ एक व्यक्ति 3 पद पर रहा, इसलिए पार्टी ने फैसला लिया कि इन्हें (चिराग पासवान) संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त किया जाए।
उल्लेखनीय है कि चिराग ने कहा था कि भविष्य में कानूनी लड़ाई लड़नी होगी। पार्टी ही मेरा परिवार है। पार्टी में अनुशासन की जरूरत है। अब मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि विवाद को बंद कमरे में सुलझाना चाहता था। चाचा कहते तो मैं उन्हें संसदीय दल का नेता बनवा देता लेकिन उन्होंने जो तरीका अपनाया वह गलत है। पार्टी के संविधान के अनुरूप नहीं है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले चिराग पासवान ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर खुद को संसदीय दल का नेता बनाए जाने का अनुरोध किया है। जबकि नाराज चिराग समर्थकों के पशुपति पारस के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।