By इंडिया साइंस वायर | Feb 04, 2021
कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा-चक्र को मजबूत करने के लिए देशभर में टीकाकरण अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस बीच कोविड-19 के टीके के असर को लेकर दुनियाभर में हो रहे अध्ययनों में कई महत्वपूर्ण तथ्य उभरकर आ रहे हैं। एक नये अध्ययन में पता चला है कि कोविड-19 के संक्रमण से उबर चुके लोगों में टीके की एक ही खुराक असरदार हो सकती है।
इस अध्ययन के दौरान पूर्व में कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त रह चुके लोगों को वैक्सीन की एक खुराक देने के बाद उनमें उच्च एंटीबॉडी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग पहले ही वायरस से संक्रमित हो चुके थे, उनमें टीकाकरण के बाद ऐसे लोगों की तुलना में कहीं अधिक एंटीबॉडी प्रतिक्रिया देखी गई है, जो संक्रमित नहीं हुए थे। न्यूयॉर्क स्थित आइकाह्न स्कूल ऑफ मेडिसिन के अध्ययन में यह बात उभरकर आयी है।
इस अध्ययन में, 109 लोगों की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को शामिल किया गया है, जिन्हें फाइज़र-बायोएनटेक या मॉडर्ना वैक्सीन दी गई है। ये दोनों वैक्सीन एमआरएनए तकनीक पर आधारित हैं। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों में से 68 कोविड-19 से कभी संक्रमित नहीं हुए थे। जबकि, 41 लोग इससे पहले कोविड-19 पॉजिटिव हो चुके थे। हालांकि, इस अध्ययन का मूल्यांकन अन्य विशेषज्ञों द्वारा अभी नहीं किया गया है। स्वास्थ्य संबंधी शोध के पूर्व-मुद्रित सर्वर मेडआर्काइव पर यह अध्ययन प्रकाशित किया गया है।
आइकाह्न स्कूल ऑफ मेडिसिन के वायरोलॉजिस्ट एवं प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर फ्लोरियन क्रैमर ने कहा है कि "इस अध्ययन के नतीजों से लगता है कि कोविड-19 से उबर चुके लोगों को टीके की एक ही डोज देना पर्याप्त हो सकता है।”
शोधकर्ताओं का कहना है कि अन्य लोगों की तुलना में कोविड-19 से उबर चुके लोगों में प्रतिरोधी प्रतिक्रिया 10-20 गुना अधिक देखी गई है। कुछ मामलों में यह प्रतिक्रिया उन लोगों में उत्पन्न संरक्षण के स्तर को भी पार कर गई, जो टीके की दो खुराक के बाद संक्रमित नहीं हुए थे।
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