केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर 63 करोड़ की धनराशि 115 मार्गों के चालू कार्य के लिए आवंटित

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 20, 2021

प्रदेश के उद्यान निदेशक डा0 आर0 के0 तोमर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा फलपट्टी क्षेत्र के बागवानों को गत वर्ष की भांति इस वर्ष 2021-22 में भी उक्त संचालित परियोजनाओं के अन्तर्गत 19000 कृषकों को प्रशिक्षण, 800 हेक्टेयर में नवीन क्षेत्र विस्तार, 353 हेक्टेयर में पुराने बागों का जीर्णोद्धार/कैनोपी प्रबंधन, 1.40 लाख हेक्टेयर में ड्रिप/स्प्रिंकलर की स्थापना, 324 पैक हाउस, 270 मशीनीकरण, 174 पौध-रक्षा उपकरण, 210 हेक्टेयर आई0पी0एम0 एवं 107 कृषक गोष्ठी, 27 पौधशालाओं की स्थापना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि विभाग की राजकीय पौधशालाओं/प्रक्षेत्रों पर कुल 29.42 उच्च गुणवत्तायुक्त कलमी/बीजू पौध तैयार कराये जा रहे हैं। संचालित परियोजनान्तर्गत राज्य सरकार द्वारा उक्त कार्यक्रमों के अन्तर्गत अनुमन्य अनुदान की सुविधा सुलभ है। डा0 तोमर ने बताया कि राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड भारत सरकार द्वारा देश में विभिन्न फलों के अन्तर्गत 13 क्लस्टर क्षेत्र घोषित किये गये, जिसमें लखनऊ क्षेत्र में उत्पादित दशहरी आम को क्लस्टर के रूप में चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि लखनऊ जनपद में आम फलपट्टी क्षेत्र में 30000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल आच्छादित है, जहां आगामी 05 वर्षों में 100 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित है। डा0 तोमर ने बताया कि प्रदेश में इन कार्यक्रमों के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में 894 हेक्टेयर में नवीन क्षेत्र विस्तार, 260 हेक्टेयर में पुराने बागों का जीर्णोद्धार/कैनोपी प्रबंधन, बागवानी फसलों में 35751 हेक्टेयर में ड्रिप/स्प्रिंकलर की स्थापना, 218 पैक हाउस, 255 हेक्टेयर आई0पी0एम0 के साथ-साथ 302 मशीनों एवं 111 पौध-रक्षा उपकरणों का वितरण कराया गया। उन्होंने बताया कि योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं कृषकों को नवीनतम तकनीकी को जानकारी उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से 18137 कृषकों को प्रशिक्षण एवं 85 कृषक गोष्ठियों का आयोजन कराया गया। इसके साथ-साथ इन सभी जनपदों में बागों की नई पद्धति से सिंचाई हेतु ड्रिप एवं स्प्रिंकलर कराया गया। इन सभी जनपदों में बागों की नई पद्धति से सिंचाई हेतु ड्रिप एवं स्प्रिंकलर की सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग की राजकीय पौधशालाओं/प्रक्षेत्रों पर कुल 25.04 लाख उच्च गुणवत्तायुक्त कलमी/बीजू पौध तैयार कराते हुए इच्छुक कृषकों को विभागीय विक्रय दरों पर उपलब्ध कराई गई। उद्यान निदेशक ने बताया कि प्रदेश में उगाये जाने वाले फलों में आम का अग्रणी स्थान है, जिसमें अद्वितीय स्वाद, मनमोहक खुशबू, आकर्षक रंग तथा आकार, क्षेत्रों एवं जलवायु के अनुकूल उत्पादन क्षमता, पोषक तत्वों की प्रचुरता रहती है। प्रदेश में आम उत्पादन के अन्तर्गत 2.79 लाख हेक्टे0 क्षेत्रफल आच्छादित है, जिसमें प्रति वर्ष 40-45 लाख टन उत्पादन होता है। उन्होंने बताया कि यह उत्पादन देश के कुल उत्पादन का 20 प्रतिशत है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में फलों के विकास हेतु आम, अमरूद और आंवला की 17 फलपट्टियां घोषित की गई हैं। इसमें आम की 15 फलपट्टी है जो कि 13 जनपदों यथा- सहारनपुर, मेरठ, बुलन्दशहर, अमरोहा, बागपत, अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, प्रतापगढ़, वाराणसी में है। उन्होंने बताया कि आम के विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा इन जनपदों में कई योजनायें संचालित की जा रही हैं। इसमें फलपट्टी विकास योजना, राष्ट्रीय एकीकृत बागवानी मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना आदि शामिल है।

मंत्री मोहसिन रज़ा ने ईद-उल-अज़हा के मौक़े पर प्रदेशवासियों को बधाई दी

उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण वक्फ एवं हज राज्य मंत्री श्री मोहसिन रज़ा ने ईद-उल-अज़हा के पावन पर्व पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है। बकरीद की पूर्व संध्या पर उन्होंने अपने संदेश में कहा कि खास कर ईद-उल-अज़हा त्याग और बलिदान का त्योहार है तो हम लोग उनको समर्पित करें, जिन्होंने कोरोना संक्रमण से अपने लोगों को खोया है, या जिनकी जीविका पर बहुत बड़ा असर पड़ा है और बहुत ज़्यादा परेशान हैं, उनके साथ हम इस ईद को एक दूसरे से साझा करेंगे। इसके साथ ही श्री रज़ा ने कोविड/कोरोना से सर्तकता और बचाव हेतु कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए इस पवित्र त्यौहार को मनाये जाने हेतु अपील की।

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जनपद प्रयागराज के राजापुर दक्षिण पम्प नहर के आधुनीकरण हेतु 01 करोड़ 64 हजार रूपये की धनराशि अवमुक्त

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के जनपद प्रयागराज के विकास खण्ड-कोरांव में बेलन नदी बाये तट पर स्थापित राजापुर दक्षिण पम्प नहर के आधुनीकरण की परियोजना के लिए अनुमोदित लागत 01 करोड़ 50 लाख 64 हजार रूपये के सापेक्ष अंतिम किस्त के रूप में 01 करोड़ 64 हजार रूपये की धनराशि व्यय किये जाने हेतु अवमुक्त की गई है। इस संबंध में सिंचाई विभाग द्वारा शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि इस धनराशि को व्यय करते समय वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाये, इसके साथ ही परियोजना के संबंध में सभी आवश्यक अनुमति प्राप्त करके ही कार्य शुरू कराया जाए। इसके अलावा निर्माण कार्य निर्धारित समय के अंदर पूरा कराया जाए साथ ही निर्माण कार्यों में पूरी गुणवत्ता सुनिश्चित कराई जाए। योजना के संबंध में कोई डुप्लीकेसी न हो और हर स्तर पर वित्तीय अनुशासन का पालन किया जाए।

ललितपुर के भौरट बांध निर्माण की पुनरीक्षित परियोजना हेतु 25 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के जनपद ललितपुर में भौरट बांध निर्माण की पुनरीक्षित परियोजना हेतु प्रावधानित सम्पूर्ण धनराशि 25 करोड़ परियोजना के कार्यों पर औपचारिक रूप से वहन किये जाने हेतु प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग उ0प्र0 के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद द्वारा 15 जुलाई, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि इस धनराशि को व्यय करते समय वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाये, इसके साथ ही परियोजना के संबंध में तकनीकी स्वीकृति प्राप्त करके ही कार्य शुरू कराया जाए। परियोजना हेतु भूमि अध्याप्ति प्राविधान किया गया है। इसलिए विभाग द्वारा भूमि अध्याप्ति सुसंगत वित्तीय नियमों के अधीन सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा निर्माण कार्य निर्धारित समय के अंदर पूरा कराया जाए साथ ही निर्माण कार्यों में पूरी गुणवत्ता सुनिश्चित कराई जाए। योजना के संबंध में कोई डुप्लीकेसी न हो और हर स्तर पर वित्तीय अनुशासन का पालन किया जाए। परियोजना के संबंध में समस्त वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेन्स सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही निर्माण कार्य कराया जाए।

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सिंचाई विभाग के अधीन संचालित पम्प/लिफ्ट नहरों व सरकारी नलकूपों पर उपभोग किये जाने वाली विद्युत मूल्य का अग्रिम भुगतान हेतु 26 अरब 66 करोड़ 16 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में संचालित पम्प/लिफ्ट नहरों, सरकारी नलकूपों पर उपभोग किये जाने वाली विद्युत मूल्य का वर्ष 2021-22 में अग्रिम भुगतान किये जाने हेतु शर्तों एवं प्रतिबन्धों के अधीन 26 अरब 66 करोड़ 16 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इस संबंध में विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद द्वारा 19 जुलाई, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि इस धनराशि को व्यय करते समय वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाए। शासनादेश में कहा गया है कि विभाग वास्तविक बिलों के भुगतान का सत्यापन ऊर्जा विभाग द्वारा कराया जायेगा व रेज किये गये बिलों का माहवार संकलित विवरण अगली किस्त की स्वीकृति का प्रस्ताव प्रेषित करते समय उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अलावा स्वीकृति किये जा रहे अग्रिम धनराशि के आहरण के पूर्व प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि इस प्रयोजन हेतु पूर्व में आहरित अग्रिम का नियमानुसार समायोजन किया जा चुका है। यदि किन्हीं कारणोंवश पिछले माह के बिलों/देयों का सत्यापन/समायोजन नहीं हो पाता है तो इसके आधार पर धनराशि रोकी नहीं जायेगी परन्तु इस सत्यापन/समायोजन न होने के लिए उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उत्तरदायी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

सिंचाई विभाग के 1101 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण एवं आधुनिकीकरण की परियोजना हेतु 81 करोड़ 10 लाख 36 हजार रूपये की धनराशि स्वीकृत

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 1101 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण और आधुनिकीकरण की परियोजना (नाबार्ड पोषित) हेतु प्रावधानित धनराशि 95,51,00,000 रूपये में से 81 करोड़ 10 लाख 36 हजार रूपये अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। इस संबंध में सिंचाई विभाग द्वारा 14 जुलाई, 2021 को शासनादेश जारी करते हुए कहा गया है कि इस धनराशि को व्यय करते समय वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सुसंगत शासनादेशों का अनिवार्य रूप से पालन किया जाये। इसके अलावा कार्य निर्धारित समय के अंदर पूरा कराया जाए। साथ ही कार्यों में पूरी गुणवत्ता सुनिश्चित कराई जाए। योजना के संबंध में कोई डुप्लीकेसी न हो और हर स्तर पर वित्तीय अनुशासन का पालन किया जाए। परियोजना के संबंध में समस्त वैधानिक अनापत्तियां एवं पर्यावरणीय क्लीयरेन्स सक्षम स्तर से प्राप्त करके ही कार्य कराया जाए।

प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 39,72,308 लाभार्थी हुए पंजीकृत

यह पूरे परिवार की जिम्मेदारी है कि गर्भवती महिला सदस्य की सही देखभाल हो, उसका उचित खान-पान हो, जिससे माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। किसी भी महिला के पहली बार गर्भवती होने पर सरकार भी इस दायित्व में कदम से कदम मिला रही है। गर्भवती महिला की देखभाल के लिए प्रदेश में वर्ष 2017 से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना लागू है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से योजना के नोडल अधिकारी राजेश वांगिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रदेश में 31 मई, 2021 तक 39,72,308 लाभार्थी पंजीकृत हो चुके हैं, जो कि लक्ष्य के सापेक्ष 95.02 प्रतिशत है। लाभार्थियों को योजना के अंतर्गत रू0 153600.31 लाख की धनराशि का भुगतान भी किया जा चुका है। प्रदेश में गर्भवती महिलाओं से जुड़ा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम भी लागू है। इसके अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क परिवहन, निःशुल्क जांचे, निःशुल्क औषधि, निःशुल्क भोजन एवं आवश्यकता पड़ने पर निःशुल्क ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इस वर्ष मई, 2021 तक 50 लाख गर्भवती महिलाओं के सापेक्ष 3,38,109 लाभार्थियों को निःशुल्क उपचार, 1,35,605 लाभार्थियों को निःशुल्क भोजन एवं 3,29,257 लाभार्थियों को निःशुल्क जांच की सुविधा प्रदान की जा चुकी है। राज्य सरकार के सेवा निवृत्त अधिकारी/कर्मचारियों के सेवा निवृत्त सम्बन्धित वादों के निस्तारण के लिए 23 से 30 जुलाई, 2021 तक विशेष अभियान चलाकर होगी वादों की सुनवाई। नई तिथियों की सूचना विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध। राज्य सरकार के सेवा निवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर न्याय प्रदान करने के लिए सेवा निवृत्त से सम्बन्धित वादों के निपटारे के लिए दिनांक 23 से 30 जुलाई, 2021 तक विशेष अभियान के रूप में मुकदमों की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जायेगा। इसके लिए अध्यक्ष लोक सेवा अधिकरण ने आदेश जारी किया है। यह जानकारी अधिकरण के निबन्धक श्री सर्वेश कुमार पाण्डेय ने दी है। उन्होंने बताया कि लम्बित वादों की सुनवाई वर्तमान में प्रचलित मा0 पीठ द्वारा की जायेगी। उन्होंने यह भी बताया है कि सेवा निवृत्त लाभ से सम्बन्धित वादों की नई तिथियों की सूचना विभागीय पर उपलब्ध है।

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राज्य सड़क निधि से 115 मार्गों के चालू कार्य के लिए रु० 63 करोड़ 37 लाख 33 हजार की धनराशि का किया गया आवंटन

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा राज्य सड़क निधि से प्रदेश के विभिन्न जिलों के 115 मार्गों के  चालू कार्यों हेतु रू० 63 करोड़ 37 लाख 33 हजार की धनराशि अवमुक्त किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में आवश्यक शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन, लोक निर्माण विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है। इन जनपदों में देवरिया, वाराणसी, प्रतापगढ़, रामपुर, बिजनौर, उन्नाव, हरदोई, गोरखपुर, महोबा, चित्रकूट, बलिया, अयोध्या, अंबेडकर नगर, मथुरा एवं आगरा सम्मिलित हैं। जारी शासनादेश में कार्यों को विशिष्टियों के अनुरूप पूर्ण कराते हुए, उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं  कि कार्यों को निर्धारित एवं अनुमोदित मानकों में विशिष्टियो के अनुरूप संपादित कराया जाए ताकि उच्चगुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।

गन्ना विभाग द्वारा स्थापित ड्रिप इरीगेशन संयंत्र द्वारा 21,065 हे0 में हो रही गन्ना की खेती

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में गन्ना किसानों के न्यूनतम निवेश पर गन्ना उत्पादन को बढ़ाने हेतु कृषि निवेशों का बेहतर प्रबंधन एवं वितरण पर विशेष रूप से बल दिया जा रहा है। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग द्वारा अब तक 21,065 हे0 क्षेत्र में गन्ना खेती के लिए ड्रिप इरीगेशन संयंत्र स्थापित किये जा चुके है। यह जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री संजय आर0 भूसरेड्डी ने बताया कि ड्रिप इरीगेशन संयंत्र स्थापित होने से 50 प्रतिशत तक सिंचाई जल की बचत होती है और सिंचाई जल के साथ पोषक तत्वों के प्रयोग से 50 प्रतिशत रासायनिक उर्वरकों की भी बचत होती है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस व्यवस्था से क्षारयुक्त और कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी गन्ना खेती करना सम्भव हो पाया है। इसके साथ ही खेती की लागत में कमी आ रही है तथा किसानों की आमदनी में भी वृद्धि हो रही है।

त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत जनपद देवरिया में सड़क निर्माण हेतु धनराशि स्वीकृत

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021दृ22 में त्वरित आर्थिक विकास योजना के अंतर्गत जनपद देवरिया में सड़क निर्माण हेतु 109.22 लाख (एक करोड़ नौ लाख बाईस हजार) रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। जारी शासनादेश में निर्देश दिया गया है कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग प्रत्येक दशा में 31 मार्च 2022 तक पूर्ण रूप से कर लिया जाए और यदि कोई धनराशि अप्रयुक्त/अनाहरित बचती है तो उसे 31 मार्च 2022 से पूर्व समर्पित किया जाएगा। स्वीकृत धनराशि का पूरा लेखा-जोखा 31 मार्च 2022 तक नियोजन अनुभागदृ4 को प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित किया।

20 दिवसीय ऑनलाइन संस्कृत सम्भाषण की कक्षाओं का प्रारम्भ

देववाणी संस्कृत को व्यवहारिक रूप प्रदान करने के लिए उ0प्र0 संस्कृत संस्थान द्वारा ऑनलाईन संस्कृत सम्भाषण की कक्षाओं का सामूहिक उद्घाटन संस्थान के उपाध्यक्ष श्री शोभन लाल उकिल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप उपाध्यक्ष श्री शोभन लाल उकिल ने शुभकामना देते हुए कहा कि आज हमारे लिए ऑनलाइन माध्यम से संस्कृत बोलना सीखना अत्यन्त सरल हो गया है। अनायास रूप से हम सहज ही इस महान भाषा को अपने व्यवहारिक जीवन में उतार सकते हैं। इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री दिनेश कुमार मिश्र ने सरल संस्कृत सम्भाषण योजना के विषय में विस्तार से चर्चा की और इससे होने वाले लाभों के बारे में बताया। इस अवसर पर प्रशिक्षण प्रमुख सुधीष्ठ कुमार मिश्र, सहायक प्रशिक्षण प्रमुख सुशील कुमार, प्रशिक्षण समन्वयक डॉ0 रत्नेश्वरमणि त्रिपाठी, धीरज मैथानी, 27 शिक्षक एवं  8533 प्रशिक्षक ऑनलाईन सम्मिलित हुए। कार्यक्रम आज दिनांक 20 जुलाई से 10 अगस्त .2021 तक (20 दिवसीय) चलाया जायेगा।

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