नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 23 जनवरी को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी
सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर शनिवार को यूं तो देश भर में कई कार्यक्रम होंगे लेकिन
गुजरात के
हरिपुरा में होने वाला आयोजन बहुत खास होगा। उन्होंने लोगों से इस कार्यक्रम में जुड़ने की अपील की। नेताजी की 125वीं जयंती को इस बार सरकार ने ‘‘
पराक्रम दिवस’’ के रूप में मनाने का फैसला किया है और देश भर में व्यापक स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। ऐसे ही एक कार्यक्रम का आयोजन हरिपुरा में किया गया है। हरिपुरा का नेताजी के साथ गहरा नाता है। वर्ष 1938 में यहां हुए
कांग्रेस के ऐतिहासिक अधिवेशन मेंनेताजी को कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था।
मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘कल भारत नेताजी की जयंती पर पराक्रम दिवस मनाएगा। देश भर में आयोजित कार्यक्रमों में एक विशेष कार्यक्रम गुजरात के हरिपुरा में भी होगा। आप सभी इससे जुड़े।’’ उन्होंने कहा कि हरिपुरा में होने वाला कार्यक्रम नेताजी के योगदान के प्रति देश की श्रद्धांजली होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि नेताजी की जयंती पर उन्हें 23 जनवरी 2009 का वह दिन याद आ गया जब उन्होंने हरिपुरा से ई-ग्राम विश्वग्राम परियोजना की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि इस योजना ने गुजरात में सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति ला दी और इसका लाभ राज्य के दू-सुदूर गांवों को भी मिला। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हरिपुरा के लोगों का प्यार कभी नहीं भूल सकता, जिन्होंने मोदी उस सड़क पर यात्रा निकालने का सौभाग्य प्रदान किया जिस पर 1938 में नेताजी को ले जाया गया था। उनकी यात्रा में एक सजा हुआ रथ भी शामिल था जिसे 51 बैल खींच रहे थे। मैंने उस स्थान का भी दौरा किया था जहां नेताजी ठहरे थे।’’
उन्होंने अपने हरिपुरा दौरा से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी साझा की। मोदी ने कहा कि नेताजी के आदर्श एक मजबूत, दृढ़ और आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में देशवासियों को प्रेरित करते रहेंगे। प्रधानमंत्री 23 जनवरी को कोलकाता में आयोजित ‘‘पराक्रम दिवस’’ समारोह को संबोधित करेंगे।प्रधानमंत्री नेताजी की याद में एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी करेंगे। बंगाल दौरे पर प्रधानमंत्री नेताजी के जीवन पर आधारित एक स्थायी प्रदर्शनी और एक ‘‘प्रोजेक्शन मैपिंग शो’’ का भी उद्घाटन करेंगे। गौरतलब है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में 85 सदस्यीय एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी।