By अंकित सिंह | Jul 11, 2023
2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की कवायद जारी है। इसी कड़ी में 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी एकता की बैठक होने जा रही है। हालांकि, इस बैठक से पहले विपक्ष को तब बड़ा झटका लगा जब महाराष्ट्र में एनसीपी दो गुटों में बंट गई है। इसे बड़ा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि यह शरद पवार के पार्टी है और वह विपक्ष के बड़े नेता हैं। इससे पहले 23 जून को विपक्षी एकता की बैठक हुई थी जिसमें शरद पवार शामिल हुए थे। अब यह बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में है। इसको लेकर नेशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान आया है।
उमर अब्दुल्ला ने अपने बयान में कहा कि एक पार्टी (एनसीपी) टूटी, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पार्टियां पहले भी टूटीं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस टूट गई, क्या उससे पहले विपक्ष की बैठक की जरूरत थी? ये लंबे समय से चलता आ रहा है, चलता रहेगा। लेकिन अगर आप मुझसे पूछें, तो मुझे नहीं लगता कि शरद पवार अपनी पार्टी टूटने के बाद कमजोर हुए हैं, मुझे लगता है कि वह और मजबूत हो गए हैं। मुझे लगता है कि जिस तरह के बयान दिए गए, वो महाराष्ट्र के लोगों को पसंद नहीं आए होंगे। मतदान के समय नतीजे सामने आ जायेंगे।
नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने 370 पर बयान देते हुए कहा कि हम 2019 से इस दिन का इंतजार करते आए हैं क्योकिं हमें लगता है कि हमारा केस मजबूत है। हम सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद भी रखेंगे और गुजारिश करेंगे कि इसमें जल्द से जल्द सुनवाई हो। हम न्याय की उम्मीद करते हैं, जो नाइंसाफी जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ 5 अगस्त 2019 को हुई, जो धोखा हुआ, कानून का धज्जियां उड़ाई गई उसका जवाब सुप्रीम कोर्ट से मिले। आपको बता दें कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय दो अगस्त से सुनवाई करेगा।