ओलंपिक चैंपियन Neeraj Chopra एक बार फिर पेरिस में भारत की उम्मीदों का बोझ उठाने को तैयार

By Anoop Prajapati | Jun 30, 2024

एथलेटिक्स में भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में पदक का 121 साल का सूखा खत्म करने वाले विश्व चैंपियन नीरज चोपड़ा एक बार फिर पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पर निशाना लगाने को तैयार हैं। उनके हाल में किए गए रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन को देखते हुए भी देश उनसे उम्मीदें लगाए बैठा है। वह वर्तमान में पुरुषों की भाला फेंक में दुनिया के नंबर 1 हैं। टोक्यो ओलंपिक में अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद से स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। उन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जेवलिन थ्रो का सिल्वर मेडल भी जीता था। नीरज यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय हैं।


नीरज चोपड़ा का जन्‍म हरियाणा के उस जिले पानीपत में हुआ है, जो अपनी तीन लड़ाईयों के लिए मशहूर है। यहां के एक छोटे से गांव खांद्रा में किसान के घर पर 24 दिसंबर 1997 को नीरज का जन्म हुआ। नीरज ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पानीपत से ही की। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को पूरा करने के बाद नीरज चोपड़ा ने चंडीगढ़ में एक बीबीए कॉलेज ज्वाइन किया था और वहीं से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। नीरज अपने बचपन में काफी मोटे थे, जिसके कारण गांव के दूसरे बच्‍चे उनका मजाक बनाते थे, उनके मोटापे से उनके परिवार वाले भी परेशान थे, इसलिए उनके चाचा उन्‍हें 13 साल की उम्र से दौड़ लगाने के लिए स्‍टेडियम ले जाने लगे। लेकिन इसके बाद भी उनका मन दौड़ में नहीं लगता था। 


स्‍टेडियम जाने के दौरान उन्‍होंने वहां पर दूसरे खिलाड़ियों को भाला फेंकते देखा, तो इसमें वो भी उतर गए। पढ़ाई के साथ वे जेवलिन में भी अभ्‍यास करते रहे, इस दौरान उन्‍होंने नेशनल स्‍तर पर कई मेडल अपने नाम किए। नीरज ने 2016 में पोलैंड में हुए आईएएएफ वर्ल्ड यू-20 चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता। जिससे खुश होकर आर्मी ने उन्‍हें राजपुताना रेजिमेंड में बतौर जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर के तौर पर नायब सुबेदार के पद पर नियुक्त किया। आर्मी में खिलाड़ियों को ऑफिसर के तौर पर कम ही नियुक्ति मिलती है, लेकिन नीरज को उनके प्रतिभा के कारण डारेक्‍ट ऑफिसर बना दिया गया। 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में नीरज ने 88.06 मीटर का थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था। 


नीरज पहले भारतीय हैं जिन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड जीता है। ओलंपिक, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक और डायमंड लीग ख़िताब अपने नाम करने के साथ, भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने बहुत कम उम्र में ही इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर लिया है। भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी टोक्यो 2020 में ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले देश के पहले और एकमात्र ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बने। दो साल बाद, उन्होंने बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में पोडियम पर शीर्ष स्थान हासिल किया और किसी भी एथलेटिक्स डिसिप्लिन में भारत के पहले विश्व चैंपियन बने। फाइनल में उनके 87.03 मीटर के पहले थ्रो ने ही उन्हें शीर्ष पर पहुंचा दिया। इसके बाद नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर के दूसरे प्रयास के साथ अपना स्थान और भी अधिक मजबूत कर लिया। उनका यह थ्रो अंतत: उनके ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के लिए पर्याप्त साबित हुआ। 


नीरज चोपड़ा ने युवा स्तर पर राष्ट्रीय स्तर पर अपना दबदबा बनाया और कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते। वह पोलैंड के ब्यडगोस्ज़कज़ में 2016 IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद चर्चा में आए। पोलैंड में उनका 86.48 मीटर का विजयी थ्रो अभी भी अंडर-20 भाला फेंक रिकॉर्ड के तौर पर कायम है और वह किसी भी स्तर पर विश्व चैंपियन बनने और विश्व रिकॉर्ड रखने वाले पहले भारतीय ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बन गए हैं। रियो 2016 पुरुषों की भाला फेंक के लिए क्वालीफाइंग कट-ऑफ 83.00 मीटर निर्धारित होने के साथ, इस प्रयास से नीरज चोपड़ा भी अपने पहले ओलंपिक के लिए क्वालीफ़ाई हो जाते। लेकिन दुर्भाग्य से, उनका यह थ्रो क्वालीफिकेशन समय के समाप्त होने के एक सप्ताह बाद आया। इससे पहले, चोटों की वजह से नीरज चोपड़ा के रियो क्वालीफिकेशन अभियान में बाधा उत्पन्न होती रही थी। 


हालांकि, इसके बाद नीरज चोपड़ा लगातार अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमकते रहे। गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और जकार्ता 2018 एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने से पहले वह 2017 में एशियाई चैंपियन बने। नीरज चोपड़ा कोहनी की चोट के कारण 2019 विश्व चैंपियनशिप से चूक गए, जिसके लिए सर्जरी की जरूरत हुई और उन्हें 16 महीने के लिए फील्ड से दूर कर दिया गया। हालांकि, जनवरी 2020 में दक्षिण अफ्रीका के पोटचेफस्ट्रूम में हुई एक मीट में वापसी करते हुए भारतीय ने टोक्यो 2020 के लिए क्वालीफाई करने के लिए शानदार प्रदर्शन किया। टोक्यो में जीत हासिल करने के ठीक एक साल बाद, नीरज चोपड़ा विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। ओरेगॉन 2022 में, नीरज चोपड़ा 88.31 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ मौजूदा चैंपियन ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स से पीछे रहे, जो अपने ख़िताब को डिफेंड करने के लिए 90.54 मीटर का थ्रो करने में सफल रहे। 2003 पेरिस विश्व चैंपियनशिप में लंबी कूद खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज के कांस्य पदक के बाद भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी का पदक विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का दूसरा पदक था।

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