By प्रिया मिश्रा | Jun 21, 2022
जंगल में आग लगना एक सामान्य बात है। साल 2019-2020 में ऑस्ट्रेलिया में भयानक जंगली आग में करोड़ों जीव मारे गए थे। इस आग में लाखों हेक्टेयर जमीन जलकर खाक हो गई थी। आग को बुझाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। दुनियाभर में हर साल कई देशों में जंगली आग की खबर सामने आती रहती है। लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने दुनिया में सबसे पहली जंगल की आग के सबूत खोजे हैं।
वैज्ञानिकों ने वेल्स और पोलैंड में 43 करोड़ साल पुराने चारकोल ढूंढे हैं। इनकी जांच से यह बात सामने आई है कि ये एक जंगल की आग थी। जांच से पता चला कि यह सिलुरियन काल के चारकोल हैं। यह वह समय था जब धरती पर जीवन पूरी तरह से पानी पर निर्भर था। उस समय बहुत कम इलाका जमीनी था। जांच से पता चलता है कि यहां बहुत कम समय के लिए आग लगी थी। इसके अलावा, यह भी पता चला कि जहां आग लगी थी वहां पर नहीं बल्कि खास प्रकार का फंगस था। इस फंगस को प्रोटोटेक्साइट कहते हैं। इस फंगस के बारे में अभी भी वैज्ञानिकों को कुछ खास जानकारी नहीं है। लेकिन वैज्ञानिकों के मुताबिक ही करीब 30 फीट ऊंचाई तक पनपता था। मायन स्थित कोलबी कॉलेज के पैलियोबोटेनिस्ट इयान ग्लासपूल के मुताबिक, "हम हैरान है कि उस समय पेड़ के आकार के फंगस होते थे। इन्हीं फंगस में आग लगी थी। हमें यह जानकारी प्राचीन जमीनी पौधों के मैक्रोफॉसिल की जांच से मिली है।"
इयान ने आगे बताया कि आग के लिए तीन चीजें चाहिए होती हैं। इसमें शामिल हैं- इंधन यानी पेड़ पौधे, आग लगाने का सोर्स जैसे आसमान से बिजली गिरना और तीसरा ऑक्सीजन ताकि आग जलती रहे। जैसे जैसे आग जलती रहती है, वैसे यह अपने पीछे चारकोल छोड़ती जाती है। जब यह आग लगी थी तब धरती पर 16 फ़ीसदी ऑक्सीजन था। जबकि, मौजूदा समय में यह मात्र 21 फीसदी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले सबसे पुरानी जंगली आग की खबर 33 करोड़ साल पहले दर्ज की गई थी। इयान ने कहा कि धरती के अलग-अलग प्राकृतिक प्रतिक्रियाओं भी जंगल की आग भी जरुरी है। इसके बारे में जियोलॉजी जर्नल में हाल ही में एक स्टडी प्रकाशित हुई है।