By अंकित सिंह | Jun 06, 2023
ओडिशा में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 288 हो गई है। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने इस बात की जानकारी दी है। प्रदीप जेना ने बताया है कि 83 शवों की पहचान अभी भी नहीं हो सकी है। हालांकि आज इस घटना की जांच की शुरूआत सीबीआई ने कर दी। इसके साथ ही सीबीआई ने इस घटना को लेकर मामला भी दर्ज कर लिया है। वही, इस मामले को लेकर राजनीति भी जबरदस्त तरीके से जारी है। ममता बनर्जी आज ओडिशा पहुंची थीं। उन्होंने केंद्र पर निशाना साधा। वहीं, दूसरी ओर पूरे मामले को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग लगातार जारी है।
ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना कहा कि राज्य सरकार उन लोगों के लिए एक एम्बुलेंस प्रदान करेगी जो सड़क के माध्यम से शवों को स्थानांतरित करना चाहते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम शवों के हस्तांतरण के लिए सभी लागत वहन करेंगे और हमारे पास रेलवे के माध्यम से शवों को स्थानांतरित करने की व्यवस्था है। हम अज्ञात के लिए डीएनए नमूनाकरण करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम अज्ञात शवों के लिए डीएनए सैंपलिंग करेंगे। राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को किसी भी तरह की असुविधा से बचाने के उद्देश्य से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 193 शवों को भुवनेश्वर लाया गया था, जिसमें से 110 शवों की पहचान हो गई है। कुल 288 में से 205 शवों की पहचान हो गई है। 83 शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
कोरोमंडल एक्सप्रेस से बरामद करीब 40 शवों पर किसी तरह की चोट का निशान नहीं पाया गया है और माना जा रहा है कि उनकी मौत करंट लगने से हुई है। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने यह जानकारी दी है। बालासोर में जीआरपी थाने में दर्ज प्राथमिकी में संकेत दिया गया है कि ऊपर से जा रहे तारों के दुर्घटना के बाद टूटने और उनके कुछ डिब्बों में फंसने की वजह से यात्रियों को करंट लगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठकें की। सूत्रों ने बताया कि वह शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी ज़ोनल रेलवे के महाप्रबंधकों से बात करेंगे। उन्होंने बताया कि बैठक में रेलवे नेटवर्क में ‘सिग्नल’ सुविधा तथा दूरसंचार पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ सुरक्षा अभ्यास (ड्रिल) पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जब नैतिक ज़िम्मेदारी लेकर रेल मंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए, तब ध्यान भटकाने के लिए नई-नई थ्योरी रची जा रही है। इस सरकार में जवाबदेही का 'ज' तक नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री या रेल मंत्री घटना स्थल पर जाते हैं तो स्वांग रचा जाता है, जैसे भगवान प्रकट हो गए हों। उन्होंने कहा कि जहां 300 लोगों की मृत्यु हो गई हो, वहां जाना उनका काम है। वो अलग बात है कि वहां कूलर लगे थे और शव डंपर में गाजर-मूली की तरह फेंके जा रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार को जब-जब कटघरे में खड़ा किया जाता है तो सिर्फ ध्यान भटकाया जाता है।