मध्य प्रदेश में बढ़ी गिद्धों की संख्या, पर्यावरण संरक्षक गिद्धों की हुई थी गणना

By दिनेश शुक्ल | Feb 13, 2021

भोपाल। पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अहम भूमिका निभाने वाले विलुप्त हो रहे गिद्धों की संख्या में विगत वर्ष की तुलना में 1 हजार गिद्धों की प्रदेश में बढ़ोत्तरी हुई है। वन विभाग द्वारा प्रदेश में की गई गिद्धों की गणना में 16 गिद्ध जिले के पर्यटन नगरी चंदेरी में पाये गए हैं, जिनकी की संख्या विगत वर्ष 14 थी। जिला वन मण्डलाधिकारी अंकित पाण्डे ने बताया कि विगत वर्ष प्रदेश में की गई गिद्धों की गणना अनुसार गिद्धों की संख्या 8397 पाई गई थी, जबकि इस वर्ष हाल ही में की गई गिद्धों की गणना में 9411 होने का अनुमान निकलकर सामने आया है। वन मण्डला अधिकारी का कहना है कि उक्त गणना में जिले के चंदेरी की पहाड़ियों पर 16 गिद्ध पाये गए हैं, जिनकी संख्या विगत वर्ष 14 थी। 

 

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क्यों हुए गिद्ध विलुप्त, कैसे हो रहे बचाने के प्रयास:

वन मण्डल अधिकारी पाण्डे का कहना है कि जंगलों में पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए गिद्धों की भूमिका अहम रहती है। उन्होंने गिद्धों के विलुप्त होने का कारण बताया कि गाय-भैंसों में लगाये जाने वाले डिक्नोफिनायल इंजेक्शन लगाये जाने के बाद उनके मृत होने पर गिद्धों द्वारा खाने पर उन्हें गंभीर बीमारी से मरने के कारण गिद्ध विलुप्त हुए। अब शासन ने गाय-भैंसो को दिए जाने वाले उक्त इंजेक्शन के स्थान पर अन्य दवायें उपलब्ध कराने पर गिद्ध प्रजाति को बढ़ाने के प्रयास तेज किये गए हैं। 

 

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इस तरह हुई गणना:

वन मण्डल अधिकारी ने गिद्धों की गणना के बारे में बताया कि प्रदेश में दो चरणों में की गई गिद्धों की गणना का समय पूरे प्रदेश में चिन्हित स्थानों पर जब उनका उड़ने का समय होता है, सूर्य उदय होने के कुछ समय बाद एक साथ वन अमले द्वारा कैमरे लगाकर गणना पूरी की गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 7 प्रकार की प्रजातियों के गिद्ध पाये गए हैं, जिनमें 4 प्रजाति के गिद्ध देशी हैं तथा 3 प्रजाति के गिद्ध बाहरी हैं।