By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 17, 2020
अहमदाबाद। गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि बहुत कम किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं और आंदोलन में ‘‘देशद्रोही घुसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की साजिश है। आंदोलनकारियों के खिलाफ सत्तारूढ़ भाजपा के अभियान के तहत पंचमहल जिले के मोरवा हदफ में आयोजित कार्यक्रम में पटेल ने यह बात कही। उन्होंने कहा, दिल्ली को छोड़कर, देश में कहीं भी विरोध प्रदर्शन नहीं हुए हैं। कोई भी गुजरात में आंदोलन नहीं कर रहा है। 130 करोड़ की आबादी में से कुछ 50,000 लोग चाहते हैं कि सरकार संसद द्वारा पारित कानूनों को रद्द कर दें।
पटेल ने कहा कि अगर हमें 50,000 लोगों के आदेशों का ही पालन करना है, तो फिर लोकसभा और राज्यसभा का मतलब क्या है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने पहले ही एपीएमसी अधिनियम में बदलाव किया है, जबकि मोदी पूरे देश के लिए ये कानून ले कर आए हैं क्योंकि ये आवश्यक हैं। यदि उद्योगों को देश में कहीं भी अपने उत्पादों को बेचने की अनुमति है, तो किसान क्यों नहीं अपनी फसलों को कहीं बेच सकते? यहां तक कि कांग्रेस भी इसके पक्ष में थी। लेकिन जब वह सत्ता में थी तो इस तरह के सुधारों को लागू नहीं कर सकी।’’ भाजपा के नेता ने आरोप लगाया कि देशद्रोही, वामपंथी, खालिस्तानी, चीन समर्थक तत्व और टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य विरोध प्रदर्शनों में घुस आए हैं और किसानों को प्रदर्शन स्थल पर जमे रहने के लिए पैसे दे रहे हैं।
पटेल ने कहा कि किसानों का एक प्रतिशत भी इन कानूनों के खिलाफ नहीं है। कांग्रेस लोगों को उकसाने की पूरी कोशिश कर रही है, लेकिन उन्हें कोई समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, कुछ तत्व इस आंदोलन के पीछे हैं, जो किसान नहीं हैं। यह प्रदर्शन वास्तव में एक साजिश है। ये तत्व प्रधानमंत्री मोदी की छवि को खराब करना चाहते हैं और भारत की एक विकृत तस्वीर दुनिया के सामने पेश करना चाहते हैं।