By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 22, 2017
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले हफ्ते होने वाली अमेरिका यात्रा के दौरान आंध्र प्रदेश में छह परमाणु रिएक्टर बनाने के लिए एनपीसीआईएल तथा वेस्टिंगहाउस के बीच समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना नहीं है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अमेरिकी कंपनी के साथ करार पर हस्ताक्षर करने में भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएस) की अनिच्छा के पीछे वेस्टिंगहाउस में वित्तीय उथल-पुथल और कार्यात्मक संदर्भ परमाणु संयंत्र की गैर मौजूदगी जैसी मुख्य बाधाएं जिम्मेदार रही हैं।
अनिश्चितता की आशंका के चलते परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) और एनपीसीआईएल संकटग्रस्त वेस्टिंगहाउस के साथ तब तक किसी करार पर आगे नहीं बढ़ना चाहते जब तक कि यह वित्तीय संकट से बाहर नहीं निकलती। मोदी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के जून 2015 के संयुक्त बयान के अनुसार दोनों पक्ष 'जून 2017 तक अनुबंध समझौते को अंतिम रूप देने' की दिशा में काम करने पर सहमत हुए थे। हालांकि, तब से अब तक काफी पानी बह चुका है। 2007 में जापान के तोशिबा समूह द्वारा अधिग्रहित वेस्टिंगहाउस ने मार्च में अपने को दिवालिया घोषित कर दिया।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'इस बात की संभावना नहीं है कि हम प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान किसी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। हालांकि हम प्रौद्योगिकी-वाणिज्यिक पहलुओं पर चर्चा करने के लिए समय का अच्छा इस्तेमाल कर रहे हैं।' मुद्दे पर जवाब मांगने के लिए वेस्टिंगहाउस को भेजे गए ईमेल को उत्तर नहीं मिला। मोदी 25-26 जून को अमेरिका यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान उनका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने का कार्यक्रम है।