By दिनेश शुक्ल | Dec 16, 2020
भोपाल। कांग्रेस के अनुशांगिक छात्र संगठन एनएसयूआई ने मध्य प्रदेश के शासकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्लयों में हो रहे भारी फर्जीवाड़े के खिलाफ मोर्चा खोला है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रदेश प्रवक्ता सुहृद तिवारी ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कुर्सी, टेबल, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीदी में भारी फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए बुधवार को महामहिम राज्यपाल महोदया को ज्ञापन दिया है।
राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में तिवारी ने लिखा है कि प्रदेश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को विश्व बैंक परियोजना (रूसा) के तहत कुर्सी, टेबल, कंप्यूटर, स्मार्ट क्लासेस का सामान खरीदने के लिए ग्रांट मिली थी, लेकिन विश्वविद्यालय के अधिकारियों और प्राचार्यों ने मिलकर इस राशि के फण्ड का जमकर बंदरबांट किया है और शासन को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है। तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि रूसा के फण्ड के इस बंदरबांट में न सिर्फ महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के प्राचार्य, अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं वरन इसमें उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग और अन्य सभी शिक्षा विभाग से संबंधित लोग और दलाल शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए तिवारी ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भोपाल की तीन कंपनियों एब्बोटएसएन फर्नीचर, इम्प्रेशन फर्नीचर, बालाजी नामक को भुगतान करने की सरकारी प्रक्रिया का पालन न करने पर भुगतान रोकने की कार्यवाही हुई है। इस पर तिवारी ने कहा कि यह तो इस पूरे खेल का 5% भी नही है, इसमें कई बड़े मगरमच्छों का हाथ हैं जो पर्दे से पीछे से ऐसी छद्म कंपनियां बनवाकर पहले घोटाले करवाते हैं और ब्लैकलिस्टेड होते ही दूसरे नाम से दूसरी और तीसरी कंपनी बनवाकर घोटाले करवाते रहते हैं।
एनएसयूआई प्रदेश प्रवक्ता सुहृद तिवारी ने राज्यपाल महोदया से मांग की है कि चूँकि आप प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों की चांसलर हैं, इसलिए सिर्फ कंपनियों पर कार्यवाही करने से कुछ नही होगा अगर इन लोगों पर कार्यवाही करनी है तो प्रदेश के बड़े अधिकारियों, दलालों और प्राचार्यों पर कार्यवाही करनी होगी जिससे प्रदेश को ऐसे शिक्षा माफियाओं से मुक्ति मिल सके।