By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 30, 2019
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने पांच वर्षों से अधिक समय तक मोदी के करीबी सहायक के तौर पर काम करने के बाद अपने दायित्वों से स्वयं को मुक्त किए जाने की इच्छा जताई है। सरकार के प्रधान प्रवक्ता सीतांशु कार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मिश्रा से दो सप्ताह तक पद पर बने रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा को प्रधानमंत्री ने विशेष दायित्व अधिकारी के रूप में शुक्रवार को नियुक्त किया। उत्तर प्रदेश कैडर के 1967 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मिश्रा को उत्कृष्ट अधिकारियों में से एक बताते हुए मोदी ने कहा कि जब मैं 2014 में दिल्ली में नया था तब उन्होंने मुझे ढेर सारी चीजें सिखायीं और उनका मार्गदर्शन सदैव बहुमूल्य रहेगा।prime minister office
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उन्होंने कहा कि पांच सालों तक परिश्रमपूर्वक और कर्मठता से पीएमओ में अपनी सेवा देने तथा भारत की विकास गाथा में अमिट योगदान देने के बाद 74 वर्षीय मिश्रा अपने जीवन के नये चरण में कदम रख रहे है। उनके भावी कदमों के लिए मेरी शुभकामनाएं। एक बयान में मिश्रा ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में देश की सेवा करना उनका सौभाग्य रहा। उन्होंने कहा कि मैं इस अवसर पर मुझ पर पूर्ण रूप से भरोसा जताने के लिए उनका बहुत आभारी हूं। उन्होंने कहा कि अब मेरे लिए आगे बढ़ने का समय है । हालांकि मैं जन मुद्दों और राष्ट्रीय हित के प्रति समर्पित रहूंगा। मैं सरकार के भीतर और बाहर सभी सहकर्मियों, दोस्तों और अपने परिवार का इस समर्थन के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। मैं कामना करता हूं कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी हमारे देश को उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाते हुए सफल हों।
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मिश्रा भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार के सत्ता में आने और मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 से ही पीएमओ में थे। वह 2019 लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के सत्ता में लौटने के बाद फिर से प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नियुक्त किए गए। उन्हें कैबिनेट मंत्री की रैंक हासिल थीं। सरकार में विभिन्न पदों में काम करने वाले मिश्रा 2009 में भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अध्यक्ष बने थे। मिश्रा सरकार द्वारा ट्राई कानून में संशोधन करने वाला एक अध्यादेश लागू करने के बाद 2014 में पीएमओ में नियुक्त किए गए। ट्राई का कानून उन्हें यह अहम पद हासिल करने से रोक सकता था। ट्राई कानून उसके अध्यक्ष और सदस्यों को सेवानिवृत्ति के बाद केंद्र या राज्य सरकारों में कोई अन्य पद हासिल करने से निषिध करता है। पीएमओ में शक्तिशाली अधिकारी मिश्रा मंत्रालयों के साथ समन्वय करने और सरकार के अहम नीतिगत फैसलों को लागू करने के लिए जिम्मेदार थे।