By अंकित सिंह | Sep 13, 2021
सीमा पर जारी तनाव के बीच भारतीय सेना अब रूस में चीन और पाकिस्तान की फौजों से लोहा लेने की तैयारी कर रही है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक शंघाई सहयोग संगठन शांति मिशन के हिस्से के तौर पर रूस में आयोजित होने वाली आतंकवाद विरोधी सैन्य अभ्यास के लिए भारतीय सेना और वायु सेना के उच्च प्रशिक्षित सैन्य टुकड़ी वहां जाएगी। सूत्रों ने दावा किया है कि वायुसेना और नौसेना के लगभग 200 से ज्यादा जवान इस सैन्य अभ्यास के लिए रूस के ऑरेनबर्ग में जाएंगे। इस युद्धाभ्यास में चीन और पाकिस्तान की सेनाएं भी भाग ले रही हैं। यह सैन्य अभ्यास इसी हफ्ते शुरू होकर 26 सितंबर तक चलेगा।
न्यूज़ एजेंसी ने दावा किया है कि भारतीय सेना के जवान इन दिनों रूस में ही हैं जहां वे जापड़ 21 सैन्य अभ्यास में भाग ले रहे हैं। इसी सैन्य अभ्यास में चीनी और पाकिस्तानी सेना ने भी पर्यवेक्षक के तौर पर मौजूद हैं। यह सैन्य अभ्यास अपनी टाइमिंग को लेकर भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हो गई है। भारत भी अफगानिस्तान में मौजूदा परिस्थितियों और चीन तथा पाकिस्तान की जोड़ी से मिल रही चुनौती की काट खोजने में जुटा हुआ है
रक्षा विशेषज्ञ दावा कर रहे हैं कि चीन, पाकिस्तान की आईएसआई और तालिबान मिलकर भारत के लिए उत्तरी क्षेत्र में संकट खड़ा कर सकते हैं। यही कारण है कि अफगानिस्तान के ताजा हालात पर भारत की पैनी नजर है। साथ ही साथ भारत चीन और पाकिस्तान की जोड़ी को लगातार वैश्विक स्तर पर एक्सपोज करने में जुटा हुआ है। आपको बता दें कि चीन के साथ लद्दाख में सीमा को लेकर भारत का गतिरोध है। वहीं पाकिस्तान के साथ सीमा को लेकर लगातार गतिरोध रहता ही है। ऐसे में यह सैन्य अभ्यास भारत के लिए महत्वपूर्ण तो साबित होगा ही साथ ही साथ चीन और पाकिस्तान को भी महत्वपूर्ण संदेश दिया जा सकता है।