By रेनू तिवारी | Apr 14, 2022
देश में लाउडस्पीकर को लेकर काफी ज्यादा बवाल मचा हुआ है। लाउडस्पीकर को लेकर कई जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा भी हुई। देश में सांप्रदायिक माहौल इस हद तक बिगड़ गया है कि एक-दूसके के धर्म को नीचा दिखाने के लिए लोग हदें पार कर रहे हैं। जहां एक तरफ राम नवमी के जुलूस पर पथराव किए गये तो दूसरी तरफ अब अजान के समय लाउडस्पीकर में हनुमान चालीसा बजाई जाने की प्रथा शुरू हो रही है। मुसलमानों के लाउडस्पीकर पर सीधे शब्दों में अज़ान की आवाज़ दूसरे धर्मों के लोगों के लिए चिंता का विषय थी और इसके जवाब में अब महाराष्ट्र और वाराणसी से खबर आ रही है कि वे अज़ान के दौरान लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।
महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा पढ़ने जैसा मामला अब धर्म की नगरी काशी में शुरू हो गया है। वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन द्वारा लाउडस्पीकर लगाए गए हैं। जहां अजान के दौरान तेज आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। ये लाउडस्पीकर लोगों के घरों की छतों पर लगाए गए हैं।
वाराणसी के साकेत नगर इलाके में आंदोलन के मुखिया सुधीर सिंह ने इसकी शुरुआत अपने घर से की है। उन्होंने कहा है कि अजान के वक्त भी लाउडस्पीकर से इसी तरह हनुमान चालीसा बजायी जाएगी। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य हिंदू-मुस्लिम सद्भाव को बिगाड़ना नहीं है। अपने घर पर लाउडस्पीकर लगाने वाले श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मुक्ति आंदोलन के मुखिया सुधीर सिंह ने कहा कि काशी में सुबह से ही मंदिरों में वैदिक पाठ होता था और पूजा-पाठ और हनुमान चालीसा का पाठ होता था। दबाव के कारण ये सब चीजें रुक गईं।
सुधीर सिंह ने कहा कि इसके पीछे का कारण अदालत के आदेश से बताया गया था, जिसमें ध्वनि प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया गया था, हमने अपने मंदिरों से लाउडस्पीकर हटा दिए, लेकिन मस्जिदों में अभी भी लाउडस्पीकर हैं, सुबह 4:30 बजे से अज़ान की आवाज़ आने लगती है। कि हमने तय किया है कि जब अज़ान की आवाज़ आ रही है, तो क्यों न हमें वैदिक मंत्रों का भी जाप करना चाहिए और लाउडस्पीकर पर अपने मंदिरों से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इस वजह से हमने अज़ान के समय लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा बजाना शुरू किया।