By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 01, 2019
नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केन्द्र, आप सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से घोटाला प्रभावित ‘पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक’ (पीएमसी) से नकद निकासी पर लगी पाबंदी हटाने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर जवाब मांगा। मुख्य न्यायधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय, दिल्ली सरकार, आरबीआई और पीएमएसी बैंक को नोटिस जारी कर याचिका पर रुख स्पष्ट करने को कहा। याचिका में ग्राहकों के, बैंक में जमा पैसे के लिए 100 प्रतिशत बीमा कवर की मांग की गई है। पीएमसी बैंक में 4,355 करोड़ रूपये का घोटाला सामने आने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने उस पर पाबंदियां लगा दीं। याचिकाकर्ता बी के मिश्रा ने अपनी अर्जी में कहा है कि आरबीआई ने पीएमसी बैंक से राशि निकालने की सीमा 40,000 रुपये (छह महीने के भीतर) तय कर दी है जिससे ग्राहक तनाव में हैं।
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मिश्रा ने पीएमसी बैंक से नकद निकासी पर पाबंदी से संबंधित आरबीआई की अधिसूचना रद्द करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि सहकारी एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों में बार बार होने वाले वित्तीय घोटालों को ध्यान में रखते हुए जमाकर्ताओं की धनराशि का पूर्ण बीमा समय की मांग है। याचिका में आपात वित्तीय संकट की आकस्मिक स्थिति में बैंक और सहकारी संस्थाओं में जमाराशि की सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी करने की भी मांग की गयी है।मिश्रा ने पहले उच्चतम न्यायालय में अर्जी लगायी थी। उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने उसपर गौर करने से इनकार कर दिया था और याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने को कहा था।