कुंडली का बहाना देकर शादी के वादे से मुकरने वालों की खैर नहीं! अदालत ने जारी किया फरमान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 21, 2021

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने 32 वर्षीय एक व्यक्ति को बलात्कार और धोखाधड़ी के मामले आरोप मुक्त करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उसने शिकायतकर्ता महिला, जिसके साथ उसका संबंध था, से शादी करने के अपने वादे से मुकरने के लिए कुंडली की ज्योतिषीय असंगति का इस्तेमाल बहाने के तौर पर किया था। न्यायमूर्ति एस के शिंदे की एकल पीठ ने सोमवार को अभिषेक मित्रा की याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में महिला की शिकायत के आधार पर उपनगरीय बोरीवली पुलिस द्वारा उसके खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी और बलात्कार के मामले से आरोप मुक्त करने का अनुरोध किया गया था। इस फैसले का विवरण मंगलवार को उपलब्ध कराया गया।

इसे भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में दिलीप घोष की जगह सुकांता मजूमदार बने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष

त्रा के वकील राजा ठाकरे ने तर्क दिया था कि ज्योतिषीय असंगति के कारण आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच संबंधों को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। उन्होंने तर्क दिया कि यह शादी के झूठे बहाने धोखाधड़ी और बलात्कार का मामला नहीं है बल्कि वादे के उल्लंघन का मामला है। न्यायमूर्ति शिंदे ने, हालांकि, इस तर्क को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि इस बात से पता चलता है कि शुरुआत से ही आरोपी का शिकायतकर्ता से शादी करने के अपने वादे को कायम रखने का कोई इरादा नहीं था। पीठ ने कहा, “यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता (मित्रा) ने कुंडली की ज्योतिषीय असंगति की आड़ में, विवाह के वादे को निभाने से इनकार किया।

इसे भी पढ़ें: मोदी सरकार के पास J&K को लेकर कोई विजन नहीं, महबूबा बोलीं- सिर्फ भाजपा ही हिंदुस्तानी है

इस प्रकार, मुझे पूरी तरह से लगता है कि यह शादी करने के झूठे वादे का मामला है जो स्पष्ट रूप से शिकायतकर्ता की सहमति का उल्लंघन करता है। मामले के विवरण के अनुसार, आरोपी और शिकायतकर्ता 2012 से एक-दूसरे को जानते थे, जब वे एक पांच सितारा होटल में काम कर रहे थे और एक संबंध में थे। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कई मौकों पर आरोपी ने शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।

प्रमुख खबरें

बुलडोजर न्याय पर सुप्रीम रोक के श्वेत और स्याह पक्ष को ऐसे समझिए

Maharashtra में राहुल गांधी का दावा, गौतम अडानी को धारावी की जमीन देने के लिए BJP ने गिराई थी MVA की सरकार

झारखंड चुनाव दो विचारधाराओं प्रेम और नफरत के बीच मुकाबला: तेजस्वी यादव

धीमी न्यायिक प्रक्रिया के विकल्प पर सोचना होगा