By अभिनय आकाश | Sep 04, 2022
गुजरात के अहमदाबाद में छठी अखिल भारतीय जेल ड्यूटी मीट के शुभारंभ पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि दंड की प्रक्रिया बहुत जरूरी है क्योंकि दंड नहीं होगा तो भय नहीं और भय नहीं होगा तो अनुशासन नहीं होगा। समाज में जेल को जिस दृष्टि से देखा जाता है उस दृष्टि को भी बदलने की जरूरत है। जेल में हर कैदी स्वभाव से अपराधी नहीं होता है कई बार कुछ घटना ही ऐसी हो जाती है कि उनको अलग-अलग प्रकार के गुनाह में शामिल होना पड़ता है और उन्हें सजा भी होती है।
अहमदाबाद में छठी अखिल भारतीय जेल ड्यूटी मीट के उद्घाटन के अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिसके साथ समाज में जेलों को देखा जाता है, उसे बदलने की जरूरत है। जेल में बंद प्रत्येक व्यक्ति स्वभाव से अपराधी नहीं होता, कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां होती हैं जो उनकी संलिप्तता को मजबूर करती हैं। लेकिन समाज को क्रियाशील रखने के लिए यह एक आवश्यक प्रक्रिया है। जेल प्रशासन उन लोगों को फिर से शामिल करने के लिए जिम्मेदार है जो समाज में प्राकृतिक, जन्मजात, आदतन अपराधी नहीं हैं।