By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 09, 2019
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हनोई में इस धारणा को पलट दिया कि वह परमाणु निरस्त्रीकरण के लिये उत्तर कोरिया से अंतरिम समझौते के इच्छुक थे। शिखर वार्ता के बेनतीजा रहने और उसके बाद पनपे अविश्वास के माहौल के बीच ऐसा लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप “सबकुछ या कुछ नहीं” के रुख पर अडिग हैं, और किम जोंग उन के साथ अपने व्यक्तिगत “तालमेल” को दांव पर लगा रहे हैं।
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ट्रंप ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि किम के साथ उनके रिश्ते अच्छे बने हुए हैं जबकि उनके सहयोगियों ने दूसरी शिखर वार्ता के बेनतीजा रहने पर इसे खत्म करने का प्रयास किया था। पिछले हफ्ते हुई दूसरी शिखर वार्ता के दौरान प्रतिबंधों में ढील के बदले उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम बंद करने की दिशा में दोनों के बीच कोई प्रगति नहीं हुई। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस हफ्ते संवाददाताओं को बताया, “प्रशासन में कोई भी कदम-दर-कदम के रुख की वकालत नहीं करता।”
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विदेश विभाग के अधिकारी ने कहा कि वाशिंगटन चाहता है कि प्रशासन के अधिकारी “बिग डील” करें- “उनके सामूहिक नरसंहार के हथियारों को पूरी तरह नष्ट किया जाना चाहिए।”इसके बदले अमेरिका उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबंधों में कुछ रियायत देगा। यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस (यूएसआईपी) की मेजबानी में आयोजित एक हालिया बैठक में पेंटागन के पूर्व सलाहकार फ्रैंक एअम ने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन की तरफ से सब कुछ या कुछ नहीं का रुख अभी अपनाया जा रहा है।” उन्होंने कहा, “ऐसा लग रहा है कि इससे नुकसान हो रहा है” जिससे ‘‘किम प्रशासन बेहद खुश नहीं होगा।’’