By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 29, 2017
वाशिंगटन। उत्तर कोरिया द्वारा बुधवार को मिसाइल परीक्षण किये जाने की पृष्ठभूमि में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष मून जे-इन और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ कोरिया के इस उकसावे भरे कदम पर चर्चा की। उत्तर कोरिया ने एक तथाकथित अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है जो प्योंगयांग के खिलाफ ताजा प्रतिबंध लगाने और उसे आतंकवादियों का वित्तपोषण करने वाला देश घोषित करने वाले ट्रंप के लिए बड़ी चुनौती पेश करता है।
मिसाइल उत्तर कोरिया के सैन नि से प्रक्षेपित की गई और जापान के विशेष आर्थिक जोन क्षेत्र में जापान सागर में गिरने से पहले उसने करीब 1000 किलोमीटर की दूरी तय की। उत्तर कोरियाई बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद हालात को ‘‘संभाल लेने’’ पर जोर देते हुए ट्रंप ने आबे और मून से फोन पर अलग-अलग बातचीत और प्योंगयांग के व्यवहार पर संयुक्त कदम को लेकर चर्चा की। मिसाइल परीक्षण के बाद व्हाइट हाउस के रूजवेल्ट रूम में संवाददाताओं के साथ बातचीत में ट्रंप ने कहा, ‘‘हम इसे संभाल लेंगे। हम इस हालात से निपट लेंगे।’’
दोनों नेताओं के साथ फोन पर हुई बातचीत के दौरान उन्होंने यह रेखांकित किया कि उत्तर कोरिया की उकसावे वाली ताजा कार्रवाई ना सिर्फ अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है। अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने संवाददाताओं को बताया कि इस मिसाइल ने पिछली सभी मिसाइलों के मुकाबले ज्यादा ऊंचाई तक उड़ान भरी। उन्होंने कहा, ‘‘उनके रिसर्च और विकास कार्यक्रमों के तहत, उसका प्रयास शायद ऐसी मिसाइल विकसित करने का है जो दुनिया के किसी भी कोने तक पहुंच सके... इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप दक्षिण कोरिया ने पानी में पिनप्वाइंट मिसाइलें दागी हैं, ताकि उत्तर कोरिया यह समझ सके कि वह हमारे सहयोगी के हमले की जद में है।’’
अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि सभी विकल्प खुले हैं। ह्डसन इंस्टीट्यूट 2017 हरमन काह्न अवार्ड डिनर के दौरान पेंस ने कहा, ‘‘जब तक उत्तर कोरिया अपने परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को हमेशा के लिए बंद नहीं कर देता, हम उसपर आर्थिक और राजनयिक दबाव बनाना जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर कोरिया में किम (उत्तर कोरियाई शासन किम जोंग-उन) की सत्ता के लिए बेहतर होगा कि वह राष्ट्रपति ट्रंप के धैर्य और अमेरिकी सेना की क्षमताओं की परीक्षा ना ले।’’
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थाई प्रतिनिधि निकी हेली तथा जापान और दक्षिण कोरिया के उनके समकक्षों ने न्यूयॉर्क में समवेत स्वर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् से आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया है। मीडिया के लिए जारी विज्ञप्ति के अनुसार, सुरक्षा परिषद् का सत्र 29 नवंबर को शाम साढ़े चार बजे होना है।