‘कोविशील्ड’ के तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के लिए पूरा हुआ नामांकन

By इंडिया साइंस वायर | Nov 16, 2020

दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई), जो कोविड-19 की वैक्सीन खोजने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर काम कर रहा है, ने बृहस्पतिवार को घोषणा की है कि उसने वैक्सीन उम्मीदवार कोविशील्ड (Covishield) के लिए तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण के लिए नामांकन पूरा कर लिया है।

इसे भी पढ़ें: नोबेल पुरस्कार विजेता के साथ मिलकर ब्रह्मांड के रहस्य उजागर करेंगे भारतीय खगोलविद्

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय-एस्ट्रा जेनेका कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवार को कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है, जिसका मानव चिकित्सीय परीक्षण भारत में किया जा रहा है। एसआईआई और आईसीएमआर मिलकर वर्तमान में देश के 15 विभिन्न केंद्रों में कोविशील्ड के 2/3 चिकित्सीय परीक्षण कर रहे हैं। 31 अक्तूबर को 1600 प्रतिभागियों को इसमें शामिल किया गया था। आईसीएमआर द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि “इन परीक्षणों के आशाजनक परिणाम भरोसा दिलाते हैं कि कोविशील्ड इस कोविड-19 महामारी का एक व्यावहारिक समाधान हो सकता है।" 


आईसीएमआर के बयान में कहा है कि "एसआईआई और आईसीएमआर के बीच यह रणनीतिक साझेदारी कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने के लिए वैश्विक दौड़ में भारत की भूमिका को आगे बढ़ाएगी।" 


भारत में विकसित किए जा रहे टीकों में, कोविशील्ड मानव परीक्षण के उन्नत चरण में है। चरण 2/3 के परीक्षण के परिणामों के आधार पर आईसीएमआर की मदद से एसआईआई भारत के लिए इस उत्पाद की प्रारंभिक उपलब्धता को आगे बढ़ाएगा। संस्थान ने कहा है कि वह डीसीजीआई से प्राप्त अति संवेदनशील (At Risk) मैन्यूफैक्चरिंग एवं स्टॉक रखने के लाइसेंस के अंतर्गत पहले ही 40 मिलियन से अधिक खुराक का निर्माण कर चुका है। 


पुणे की प्रयोगशाला में, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी / एस्ट्राजेनेका के मास्टर सीड के साथ विकसित कोविशील्ड के अलावा, आईसीएमआर और एसआईआई, अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स द्वारा विकसित कोवोवैक्स के चिकित्सीय परीक्षण के लिए भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

इसे भी पढ़ें: अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट-1 (ईओएस-1) का सफल प्रक्षेपण

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि "महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे के निर्माण में संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा देने का मौका दिया है। आईसीएमआर ने कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभायी है। यह सहयोग हमें भारत को एक इम्यूनोजेनिक और प्रभावकारी वैक्सीन विकसित करने में सबसे आगे रखने में मदद करेगा।”


आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने वैक्सीन के विकास और वैश्विक स्तर पर निर्माण में भारत की भूमिका के बारे में बताते हुए कहा है कि “नवीनतम प्रौद्योगिकी और उन्नत सुविधाओं से लैस एसआईआई ने निरंतर अपने अनुसंधान और विनिर्माण कौशल को साबित किया है।” उन्होंने कहा, हमारी विशेषज्ञता पर आधारित यह साझेदारी इस वैश्विक महामारी के खिलाफ एक अहम योगदान साबित होगी। 


(इंडिया साइंस वायर)

प्रमुख खबरें

AUS vs IND: बॉक्सिंग डे टेस्ट में रोमांचक मुकाबले की संभावना, क्या रोहित करेंगे ओपनिंग, जानें किसका पलड़ा भारी

Importance of Ramcharitmanas: जानिए रामचरितमानस को लाल कपड़े में रखने की परंपरा का क्या है कारण

Arjun Kapoor के मैं सिंगल हूं कमेंट पर Malaika Arora ने दिया रिएक्शन, जानें क्या कहा?

बढ़ेंगी Pulsar N160 और Apache RTR 160 की मुश्किलें, Honda ने लॉन्च कर दी अपनी शानदार बाइक