By अनुराग गुप्ता | Jun 03, 2020
मुंबई में 138 सालों से नहीं आया तूफान
करीब दो करोड़ आबादी वाली वित्तीय राजधानी मुंबई को आधुनिक युग में चक्रवात का सामना नहीं करना पड़ा है। मौसम विभाग की वैज्ञानिक सुभांगी भूते के अनुसार, 1882 के बाद मुंबई में कोई भी तूफान नहीं आया है। हालांकि इस दूरान कई बार भारी बारिश जरूर हुई है जो परेशानी का सबब बन चुकी है। लेकिन 3 जून दिन बुधवार को चक्रवात निसर्ग का सामना करना पड़ेगा। जब तूफान समुद्र की तटों से टकराएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 138 सालों से मुंबई में कोई तूफान नहीं आया है। फिलहाल मुंबई को ऑरेंज अलर्ट पर रखा गया है। यहां पर साल 2005, 2017 और 2019 में जरूर भीषण बाढ़ आई थी, लेकिन इन बाढ़ों की वजह चक्रवात नहीं थे।
अम्फान से खतरनाक नहीं निसर्ग !
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि इस दौरान भारी बारिश होगी। तेज हवाओं के साथ-साथ समुद्र में तूफान की चेतावनी भी दी है। इतना ही नहीं इस बात की भी निगरानी की जा रही है कि क्या हाल ही में पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आए चक्रवात अम्फान से भी खतरनाक होगा ?
तूफान के चलते मंगलवार की शाम मुंबई समेत ठाणे के कई इलाकों में बारिश हुई। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह तूफान चक्रवात अम्फान से जितना खतरनाक नहीं होगा मगर हवा की रफ्तार 120 किमी प्रतिघंटा तक जाने का अनुमान है।
डूब सकता है मुंबई का निचला हिस्सा
विशेषज्ञों की मानें तो घनी आबादी वाला शहर मुंबई काफी नीचे है और समुद्र के किनारे बसा हुआ है। ऐसे में यहां पर खतरा ज्यादा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारी बारिश हुई तो निचला इलाका डूब सकता है।
सरकार ने की सतर्क रहने की अपील
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में अभी तक जितने चक्रवात आए हैं उससे यह कहीं ज्यादा विकराल हो सकता है...कल (3 जून) और उसके बाद का दिन तटीय इलाकों के लिए महत्वपूर्ण है। ठाकरे ने कहा कि चक्रवात को देखते हुए अगले दो दिनों तक वे सारी गतिविधियां बंद रहेंगी जिन्हें फिर से शुरू करने की अनुमति दी गई थी, लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
इन दिनों महाराष्ट्र को दोहरी मार पड़ी है। एक तरफ कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में एक महाराष्ट्र में लगातार कोविड-19 के मामले बढ़ते जा रहे हैं तो दूसरी तरफ चक्रवात निसर्ग का भी खतरा मंडरा रहा है। हालांकि प्रशासन मुस्तैद नजर आ रहा है।
महाराष्ट्र में ‘निसर्ग’ चक्रवात के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की 10 टीम तैनात की गई हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विटर पर एक ग्राफिक साझा करते हुए कहा, ‘‘एनडीआरएफ की 16 में दस इकाइयों को चक्रवात के दौरान बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है। एसडीआरएफ की छह इकाइयों को अलग से तैयार रखा गया है।’’
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