By अनुराग गुप्ता | Jul 23, 2019
नई दिल्ली। कश्मीर मुद्दे को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दिए गए बयान के बाद भारतीय संसद में जमकर हंगामा हुआ। मंगलवार की सुबह जैसे ही दोनों सदनों की कार्रवाई शुरू हुई तो इस मामले को उठाया गया और फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आधिकारिक बयान साझा किया। राज्यसभा में एस जयशंकर ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है। इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री की तरफ से किसी भी तरह की मध्यस्थता की पेशकश नहीं की गई है।
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जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रंप के दावे को सिरे से नकारते हुए कहा कि हम सदन को पूरी तरह आश्वस्त करना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है। इसी के साथ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय तरीके से ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत सीमा पार से जारी आतंकवाद बंद होने के बाद, लाहौर घोषणापत्र और शिमला समझौते के अंतर्गत ही होगी।
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गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात के बाद सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मध्यस्थता करने के लिए कहा था। भारत सरकार ने हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के इस विवादास्पद दावे को स्पष्ट तौर पर खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।