By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 12, 2020
लंदन। भारत से भागे हीरों के कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिये यहां वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में चल रही सुनवाई में मंगलवार को उसके वकीलों ने दलील दी कि उनके मुवक्किल के खिलाफधोखाधड़ी, और धन शोधन के आरोपों को साबित करने के लिये पुख्ता सबूत नहीं है। नीरव मोदी के वकीलों ने भारतीय प्राधिकारियों की ओर से पेश क्राउन प्रोसीक्यूशन सेवा बैरिस्टर हेलेन मैलकम की दलीलों के बाद यह दावा किया। भारतीय प्राधिकारियों की ओर से बैरिस्टर हेलेन मैलकम ने अदालत से कहा था कि नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से धोखे से भारी रकम हासिल की थी। भारत में49 वर्षीय नीरव मोदी की पंजाब नेशनल बैंक को छल से प्राप्त आश्वासन पत्रों या बैंक गारंटी के साथ ठगने और फिर छद्म कंपनियों के पेचीदगी भरे लेन देने के माध्यम से इस रकम का शोधन करने का आरोप है। लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में नीरव मोदी के प्रत्यपर्ण के लिये पांच दिन की सुनवाई सोमवार को शुरू हुयी जब क्राउन प्रोसीक्यूशन सेवा ने भारतीय प्राधिकारियों की ओर से इस मामले में दो बिलियन अमेरिकी डालर की धोखाधड़ी और धन शोधन के आरोपों की विस्तार से जानकारी दी। बैरिस्टर मैलकम ने अदालत से कहा कि 2011 से 2018 के दौराननीरव मोदी भारत में मोतियों के आयात के नाम पर यह रकम प्राप्त की।
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नीरव मोदी की ओर से बैरिस्टर क्लेयर मान्टगोमरी ने मंगलवार को बहस शुरू करते हुये दलील दी, ‘‘समस्या यह है कि इनमें से कुछ भी साबित नहीं हुआ है। इसमें बहुत सारा विवरण है लेकिन भारत सरकार का मामला लंबे दावों पर है परंतु सबूत पर बहुत कम है।’’ साउथ-वेस्ट लंदन स्थित वैंड्सवर्थ जेल के एक कमरे से वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से नीरव मोदी अदालत की इस कार्यवाही को देख रहा था। नीरव मोदी पिछले साल मार्च में गिरफ्तारी के बाद से इसी जेल में बंद है। औपचाारिक परिधान पहने नीरव मोदी अपने वकील की दलीलें बहुत ही ध्यान से सुन रहा है और बीच बीच में कुछ नोट्स भी लिख रहा है। अदालत में बार बार शराब के कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले का हवाला दिया गया। विजय माल्या के मामले में उच्चतम न्यायालय स्तर की अपील की स्वीकृति का इंतजार है।
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नीरव मोदी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की उसी बैरक संख्या 12 में रखे जाने की उम्मीद है जहां प्रत्यर्पण के बाद विजय माल्या को रखा जाना है। विजय माल्या का मामला भारतीय बैंकों कोठप हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर बकाया कर्ज की राशि का भुगतान नहीं करने से संबंधित है। क्राउन प्रोसीक्यूशन सेवा ने भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानवाधिकारों के अनुरूप भारत में जेलों की स्थिति के बारे में पुख्ता सबूत के रूप में पहले ही उपलब्ध कराये जा चुके वीडियो और दूसरे आश्वासनों का हवाला दिया। दूसरी ओर, नीरव मोदी के वकील नेसंकेत दिया कि वे यह साबित करने के लिये एक गवाह पेश करेंगे कि मोदी के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में पर्याप्त प्रावधानों का अभाव है। जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी इस सुनवाई की अध्यक्षता कर रहे हैं जो शुक्रवार तक पूरी होने की संभावना है। कोरोना वायरस महामारी की वजह यह कार्यवाही सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुये आंशिक रूप से वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से की जा रही है।अदालत में कुछ वकील मौजूद हैं जबकि अन्य कांफ्रेस कॉल या वीडियो लिंक के माध्यम से कार्यवाही देख रहे हैं। मैलकम ने सोमवार को वीडियो लिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान नीरव मोदी द्वारा 2017 में पीएनबी की कम से कम 150 बैंक गारंटी के दुरूपयोग के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के विस्तृत तथ्यों से अदालत को अवगत कराया। यही नहीं, उन्होंने यह तथ्य भी पेश किये कि हीरों केइस कारोबारी और उसके भाई ने इस धोखाधड़ी पर पर्दा डालने के प्रयास में किस तरह से गवाहों को धमकाया और उन्हें जान से मारने की धमकी तक दी।