By अनन्या मिश्रा | Sep 05, 2023
मेडिकल कॉलेजों और स्टूडेंट्स के लिए नेशनल मेडिकल कमीशन नियम तैयार करता है। एनएमसी मेडिकल संस्थाओं की निगरानी का भी काम करता है। समय-समय पर कमीशन मेडिकल छात्रों के लिए गाइडलाइंस भी जारी करता है। ऐसे में कमीशन की तरफ से एक और गाइडलाइंस जारी की गई है। बता दें कि अब MBBS छात्रों को फर्स्ट इयर की परीक्षा 4 सालों में और पूरी MBBS की पढ़ाई 10 सालों में पास करनी होगी।
ऐसे में अगर कोई भी स्टूडेंट 4 वर्ष में फर्स्ट इयर और 10 वर्ष तक फाइनल इयर की परीक्षा पास नहीं कर पाता है। तो उस छात्र को कॉलेज से बाहर कर दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में छात्र का डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह जाएगा।
जरूरी होगी बायोमेट्री
बीते शनिवार को एनएमसी द्वारा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के साथ सभी मेडिकल कॉलेजों और प्राचार्यों की ऑनलाइन मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में मेडिकल शिक्षा से जुड़े बड़े फैसले लिए गए। इसके साथ ही स्टूडेंट्स की बायोमेट्री को भी अनिवार्य किया गया है।
नए नियम के अनुसार, साल शैक्षणिक सत्र 2024-25 में नए मेडिकल कॉलेज 150 से अधिक एमबीबीएस सीटों की पेशकश नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा एनएमसी द्वारा हर दस लाख आबादी वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में नए कॉलेजों के लिए 100 एमबीबीएस सीटों के अनुपात का पालन करना आवश्यक कर दिया है।
एमएनसी द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 में मेडिकल क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता लाने की जरूरत है। इसलिए वार्षिक प्रवेश क्षमता के लिए नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए अनुमति पत्र जारी किए जाएंगे। ऐसे में कॉलेजों के पास कम से कम 21 विभाग होना जरूरी है। वहीं नए क़लेजों को कक्षाओं में अस्पताल और रोगियों की देखभाल के लिए एनएमसी नियंत्रण कक्ष में लाइव-स्ट्रीम करना होगा।