बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एमसीडी चुनाव से पहले पूर्वांचली मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करते हुए बिहारी गौरव और पहचान का पत्ता खेला और कहा कि वे दिल्ली में प्रवासी नहीं बल्कि यहां के निवासी हैं। कुमार ने रविवार को यहां दक्षिणी दिल्ली के बदरपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि लाखों लोग नौकरी की तलाश में बिहार से दिल्ली आते हैं और वे कड़ी मेहनत से अपनी आजीविका चलाते हैं।
कुमार ने कहा, ‘‘वे अपनी आजीविका चलाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, वे भीख नहीं मांगते। इसके बावजूद लोग कहते हैं कि वे प्रवासी हैं। वे प्रवासी नहीं हैं, वे दिल्ली के निवासी हैं।’’ उन्होंने कहा कि देश में बिहारियों का प्रभाव बढ़ा है क्योंकि उनकी सरकार की ओर से बिहार में किये गए कार्य को स्वीकार किया गया है। उन्होंने बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पहले वे अपनी पहचान छुपाते थे और खुद को कमजोर महसूस करते थे लेकिन अब वे गर्व से बिहार से होने का दावा करते हैं क्योंकि बिहार की सरकार को उसके कार्य से पहचान मिली है।’’
कुमार ने दिल्ली के हिस्सों में ‘‘खराब’’ निकाय सुविधाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी (भाजपा) इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को नजरंदाज करने के लिए केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने लोगों से जदयू उम्मीदवारों को वोट देने की अपील करते हुए कहा कि वे उसी उत्साह से काम करेंगे जैसा उनकी सरकार बिहार में कर रही है।