By अंकित सिंह | May 27, 2023
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एक नए संसद भवन की आवश्यकता पर सवाल उठाया और कहा कि रविवार को इसके उद्घाटन समारोह में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है। पटना में पत्रकारों से बातचीत में कुमार ने कहा कि नई संसद की क्या जरूरत थी? पहले की इमारत एक ऐतिहासिक थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि सत्ता में बैठे लोग इस देश के इतिहास को बदल देंगे। नीतीश ने साफ तौर पर कहा कि आज नीति आयोग की बैठक और कल नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने का कोई मतलब नहीं था।
बिहार के मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता में बैठे लोग भारत के इतिहास को बदल देंगे। जनता दल (यूनाइटेड) के नेता ने कहा कि वह भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का सम्मान करते हैं और इसीलिए जब नेहरू की मृत्यु हुई तो उन्हें बुरा लगा। उन्होंने अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि वर्तमान संसद भारत के इतिहास का हिस्सा है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अचानक यह सरकार नई संसद क्यों बनाना चाहती है? क्योंकि वह इस देश का इतिहास को बदलना चाहती है। कुमार की पार्टी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए भवन के उद्घाटन की मांग करते हुए पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से दूर रहने के अपने फैसले की घोषणा पहले ही कर दी है।
इससे पहले जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा था कि अगर 2024 में केंद्र की सरकार बदलती है तो नए संसद भवन का इस्तेमाल दूसरे कार्य के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद भवन के जरिए इतिहास बदलने की कोशिश की जा रही है। ललन सिंह आज फिर कहा कि प्रधानमंत्री को इस देश के आदिवासी समुदाय के लोगों, दलित समुदाय के लोगों और देश की महिला से क्षमा मांगनी चाहिए। जब उन्होंने दलित समुदाय की महिला को राष्ट्रपति बनाया था तब तो वे अपनी पीठ थपथपा रहे थे लेकिन उद्घाटन की बात आई तो उन्हें(राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू) इससे वंचित कर दिया। प्रधानमंत्री देश के इतिहास को समाप्त करके अपने नाम करना चाहते हैं।