By अंकित सिंह | Aug 10, 2022
बिहार में नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ एक बार फिर से सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है। नीतीश कुमार आज आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं। भाजपा पूरी तरीके से अब नीतीश कुमार पर हमलावर हो गए हैं। नीतीश कुमार पर जनादेश का अपमान करने का आरोप लगा रही है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी अब नीतीश कुमार पर जबरदस्त तरीके से हमलावर हैं। लालू यादव के एक पुराने ट्वीट को लेकर नीतीश कुमार को गिरिराज सिंह ने निशाना साधा है। दरअसल, जब 2017 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन को छोड़ा था उस समय लालू यादव ने एक ट्वीट किया था। लालू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा था कि नीतीश सांप है जैसे सांप केंचुल छोड़ता है वैसे ही नीतीश भी केंचुल छोड़ता है और हर 2 साल में साँप की तरह नया चमड़ा धारण कर लेता है। किसी को शक?
अब उसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए गिरिराज सिंह ने लिखा है कि सांप आपके घर घुस गया है। इसके साथ ही गिरिराज सिंह ने कहा है कि अपने दम पर सीएम नहीं बन सकते, पीएम का सपना देख रहे हैं। गिरिराज सिंह ने शराबबंदी को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा बिहार में शराबबंदी के बाद बिहार सरकार को मिलने वाला सारा राजस्व शराब माफिया को जाता है, जिसका इस्तेमाल जदयू अपनी पार्टी को जिंदा रखने के लिए करता है, आज शराबबंदी कानून हटेगा, कल जदयू खत्म होगा। शराबबंदी के बाद जेडीयू के चंदे के संग्रह में अभूतपूर्व इजाफा हुआ है। नीतीश कुमार का हमला करते हुए उन्होंने कहा कि उनका संपूर्ण राजनीतिक कैरियर ही ऐसा रहा है.. कुछ नया नहीं कर पाने स्थिति, अकाउंटेबिलिटी व एंटी-इनकंबेंसी से बचने के लिए वह पार्टनर बदल लेते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि बीजेपी अपनी नीति के आधार पर राजनीति कर रही है। हमको जो करना है वो हम करेंगे। हम अपनी बात जनता के बीच लेकर जाएंगे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह राज्य मंत्रिमंडल में शामिल रहने के समय से ही कुमार के एक आलोचक के रूप में जाने जाते हैं। सिंह ने कुमार के इस कदम के तुरंत बाद कहा था कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि नीतीश ने हमें धोखा देने के लिए मुहर्रम को चुना है। अपने सिद्धांतों और वादों की कुर्बानी के लिए इससे बेहतर अवसर और क्या हो सकता है। भाजपा ने राजग से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से हाथ मिलाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘‘अवसरवादी’’ करार देते हुए यह याद भी दिलाया कि उन्होंने 2017 में भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण राजद से संबंध तोड़ लिए थे, ऐसे में वह फिर उसी पार्टी से गठबंधन को कैसे न्यायोचित ठहराएंगे।