शिमला। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से कनेक्शन के आरोप में शिमला के एस पी अरविंद दिग्विजय नेगी को गिरफ्तार किया है। नेगी हिमाचल कैडर के आईपीएस अधिकारी हंै। उन्हें तेज तर्रार पुलिस अफसर माना जाता रहा है। उनकी गिरपफतारी से प्रदेश में हढकंप मच गया है। अभी कुछ दिन पहले ही उन्हें एस पी शिमला के तौर पर तैनाती मिली थी।
मिली जानकारी के अनुसार गिरफतार पुलिस अधिकारी नेगी पर खुफिया जानकारी लीक करने का आरोप है। वहीँ, एसपी के अलावा एनआईए ने पांच अन्य लोगों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया है। एनआईए के प्रवक्ता से मिली सूचना के अनुसार भारतीय पुलिस सेवा के 2011 बैच में पदोन्नत नेगी को पिछले साल छह नवंबर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दर्ज एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
बताया जा रहा है कि एनआईए 6 नवंबर 2021 में दर्ज हुए ओवर ग्राउंड वर्कर्स नेटवर्क केस की जांच कर रही है। इसमें लश्कर के आतंकियों को लोकल सपोर्ट मुहैया कराने के मामले की जांच चल रही है। इन आतंकियों को भारत में खौफनाक वारदातों को अंजाम देने के लिए मदद पहुंचाई जाती थी। अब तक एजेंसी ने केस में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान एजेंसी ने आरोपी नेगी की भूमिका संदिग्ध पाई थी। प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए से लौटने के बाद शिमला में तैनात नेगी की भूमिका की जांच की गई और उनके घरों की तलाशी ली गई। जिसके बाद शिमला के एसपी अरविंद दिग्विजय नेगी की पहचान साबित की गई। अधिकारी पर सीक्रेट दस्तावेजों को लीक करने का भी आरोप है। नेगी ने ओवर ग्राउंड वर्कर्स के साथ इन दस्तावेजों को शेयर किया था, जिसका लश्कर के साथ कनेक्शन है।
अरविंद दिग्विजय नेगी हाल ही में एनआईए से हिमाचल लौटे थे। हिमाचल प्रदेश सरकार ने अरविंद दिग्विजय नेगी को एसडीआरएफ जुन्गा में हाल में कमांडेंट नियुक्त किया था। जहरीली शराब मामले में बनी एसआईटी का भी मेंबर बनाया था। हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) में टॉप इन्वेस्टिगेटर रह चुके हैं। नवंबर 2021 में उनके किन्नौर और सिरमौर स्थित ठिकानों पर छापे मारे गए थे।