पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा अब तक का सबसे लंबा समुद्र तटीय स्वच्छता अभियान ‘स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर’ चलाया जा रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर 05 जुलाई से शुरू हुए इस 75 दिवसीय अभियान का औपचारिक समापन 17 सितंबर, 2022 को ‘अंतरराष्ट्रीय तटीय स्वच्छता दिवस’ के मौके पर होगा। लोगों को सागर की स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक करने और इस अभियान में जन-भागीदारी बढ़ाने के लिए देशभर में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हस्तियों, छात्रों और जीवन के सभी क्षेत्रों के लोग अखिल भारतीय तटीय अभियान में हिस्सा ले रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप 17 सितंबर को समाप्त होने वाले 75 दिवसीय अभियान को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ जितेन्द्र सिंह द्वारा यह जानकारी प्रदान की गई है।
‘स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर’ अभियान को और तेज करने के लिए एक समर्पित वेबसाइट www.swachhsagar.org लॉन्च की गई है। केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इस वेबसाइट का अनावरण किया है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा हाल में जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी प्रदान की गई है। डॉ सिंह ने इस मौके पर ‘स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर’ अभियान का लोगो – ‘वासुकी’ भी लॉन्च किया है जो समुद्र तटों की सफाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे युवाओं और छात्रों को समर्पित है।
डॉ सिंह ने यह भी जानकारी दी कि 05 जुलाई, 2022 को शुरू किए गए 75-दिवसीय तटीय सफाई अभियान के पहले 20 दिनों के दौरान 200 टन से अधिक कचरा, मुख्य रूप से एकल उपयोग प्लास्टिक, समुद्र तटों से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 24 राज्यों के 52,000 से अधिक वलंटियर्स ने ‘स्वच्छ सागर, सुरक्षित सागर’ के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस अभियान के लिए पंजीकरण कराया है।
डॉ जितेन्द्र सिंह ने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान में अग्रणी भूमिका निभायी है, और पूरे देश को भारत की 7500 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा को मानव जाति के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और स्वस्थ रखने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधिकारियों को गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समूहों, बच्चों और युवा मंचों, कंपनियों, गैर-लाभकारी संगठनों, कांसुलर स्टाफ के साथ-साथ तटीय राज्यों के नगर निगमों से इसे जन आंदोलन में बदलने का आह्वान किया है।
डॉ सिंह ने कहा कि यह अभियान ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के मॉडल पर आधारित है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अक्सर बल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अतिरिक्त; पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय; जल शक्ति मंत्रालय; स्वास्थ्य और परिवार कल्याण; मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय; विदेश मंत्रालय; तथा सूचना और प्रसारण मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालय इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कई मंत्रियों और सांसदों ने विश्व में अपनी तरह के पहले और सबसे लंबे समय तक चलने वाले तटीय सफाई अभियान को पूरा समर्थन देने का वादा किया है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, पुदुचेरी के उपराज्यपाल डॉ तमिलसाई सुंदरराजन, और पुदुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी जैसे नेताओं का उदाहरण देते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि इन नेताओं ने समुद्र तट की सफाई और जागरूकता अभियान का नेतृत्व किया है।
डॉ जितेन्द्र सिंह ने 17 सितंबर 2022 को ‘अंतररष्ट्रीय तटीय सफाई दिवस’ पर भारत के समुद्र तटों से 1,500 टन कचरा, मुख्य रूप से एकल उपयोग प्लास्टिक को हटाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नागरिकों के सक्रिय सहयोग के लिए आह्वान किया है। उन्होंने समुद्र तट के प्रत्येक किलोमीटर की दूरी पर 75 स्वयंसेवकों के साथ 17 सितंबर को देशभर के 75 समुद्र तटों पर स्वच्छता अभियान में शामिल होने की अपील की।
डॉ सिंह यह भी कहा कि इस वर्ष का आयोजन देश की आजादी के 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के अनुरूप है। 17 सितंबर को संयोग से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन भी है, जिसे देश में ‘सेवा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
(इंडिया साइंस वायर)