By अभिनय आकाश | Apr 03, 2025
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 लोकसभा से पास हो गया। आज इसे राज्यसभा में भी पेश किया गया है। इस बिल के जरिए सरकार ने घोषणा कर दी और पूरे देश को अच्छे से बता भी दिया कि ये देश संविधान से चलेगा, शरिया से नहीं। 1985 में जो राजीव गांधी और कांग्रेस ने किया था वो भारतीय जनता पार्टी नहीं करने वाली। यानी कुछ मौलानाओं के दबाव में वो संविधान को नहीं बदलेगी। शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था और उसे संसद में प्रस्ताव के जरिए राजवी गांधी सरकार ने बदल दिया था। लोकसभा में इसी बात को बीजेपी के सांसद रविशंकर प्रसाद ने याद भी दिलाया और कहा कि वो दिन से आज तक कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत कभी नहीं मिला। ये तथ्यात्मक रूप से सही है। इसके अलावा भी उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस राजीनित से नुकसान ही हुआ है, फायदा नहीं हुआ है।
किरेन रिजिजू ने जो भ्रांतियां पैदा की जा रही हैं उसके बारे में बताया। विपक्ष ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सरकार ने इस बिल पर बहस के लिए 10 घंटे का ही समय दिया। जबकि इसके लिए कम से कम 12 घंटे या उससे ज्यादा का समय मिलना चाहिए। बहरहाल, मोदी सरकार ने अपना एक और वादा पूरा करते हुए वक्फ बोर्ड के पर कतरने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश करने के बाद इसे निचले सदन से पास भी करा लिया है। वक्फ के लोकसभा से पास होने के बाद आधे मुस्लिम खुशियां मना रहे हैं तो आधे प्रदर्शन की धमकी दे रहे हैं। सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां भारत में है। ऐसे में आपको बताएंगे कि वक्फ कानून बनने के बाद क्या 5 बड़े बदलाव होने जा रहे हैं और कैसे वक्फ पर नकेस कस दी गई है।
नए वक्फ कानून के 5 बड़े बदलाव
1. पुराने वक्फ कानून की धारा 40 सबसे खतरनाक थी। इसके तहत वक्फ बोर्ड किसी भई संपत्ति को फिर चाहे वो प्राइवेट या किसी ट्रस्ट की हो उसे अपनी संपत्ति घोषित कर सकता था। वक्फ बोर्ड का फैसला अंतिम माना जाता था। वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ किसी कोर्ट में अपील नहीं की जा सकती थी। लेकि अब ऐसा नहीं होगा। अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है तो पहले जांच की जाएगी। अगर वक्फ बोर्ड सबूत पेश नहीं कर पाया तो उसका दावा खारिज हो जाएगा। इसके अलावा अगर कोई संपत्ति वक्फ घोषित हुई है तो इसके खिलाफ 90 दिनों के भीतर हाई कोर्ट में अपील करने की इजाजत भी मिल गई है। यानी पहले वक्फ बोर्ड के खिलाफ सिर्फ वक्फ ट्रिब्यूनल में ही जाया जा सकता था। मगर अब हाई कोर्ट में भी जाया जा सकता है।
2. जिन लोगों ने हाल ही में धर्म परिवर्तन करके इस्लाम धर्म को अपनाया है। वो लोग अब वक्फ बोर्ड को अपनी संपत्ति दान नहीं कर पाएंगे। पहले लोग लालच, डर या धमकी के कारण धर्म परिवर्तन कर लेते थे। उसके बाद अपनी संपत्ति वक्फ को दान कर देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
3. वक्फ अल औलाद के तहत महिलाओं को भी वक्फ की जमीन में उत्तराधिकारी माना जाएगा। इसका मतलब ये है कि जिस परिवार ने अपनी जमीन वक्फ अल औलाद में दान दे दी है। उस जमीन से होने वाली आमदनी केवल उन परिवार के पुरुषों को ही नहीं मिलेगा। बल्कि इस आमदनी में महिलाओं का भी हिस्सा होगा।
4. वक्फ बोर्ड में मुतवली, वाकिफ, वक्फ सब मुस्लिम ही होंगे, परन्तु यह जरूर देखा जाएगा कि वक्फ की संपत्ति का रखरखाव ठीक से हो रहा है या नहीं। वक्फ बोर्ड का गठन ट्रस्ट एक्ट के तहत हुआ है, जहां ट्रस्टी वह लोग होते हैं जो इस बोर्ड के संचालन को देखेंगे। वे किसी भी धर्म के हो सकते हैं।
5. वक्फ में दी गई हर जमीन का ऑनलाइन पोर्टल पर डाटा बेस होगा। वक्फ बोर्ड अब इन संपत्तियों के बारे में किसी बात को छिपा नहीं पाएगा। किसी जमीन को किस व्यक्ति ने दान में दिया है। वो जमीन उसके पास कहां से आई। वक्फ बोर्ड को उससे कितने पैसों की आमदनी होती है। उस संपत्ति की देखरेख करने वाले मुतवली को कितनी तनख्वाह मिलती है। ये सारी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल में उपलब्ध करानी होगी।