By नीरज कुमार दुबे | Jun 27, 2017
भारत का प्रमुख हिंदी समाचार पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम आज से नये अंदाज में पाठकों के लिए उपलब्ध हो गया। प्रभासाक्षी के प्रधान संपादक श्री गौतम आर. मोरारका ने मुंबई से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नये पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रभासाक्षी की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि खबरों को 'पढ़ने, देखने, सुनने और सोशल मीडिया मंचों पर शेयर करने का नया अनुभव प्राप्त कराता प्रभासाक्षी का यह नया 'लुक' तकनीकी लिहाज से अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप है। श्री मोरारका ने कहा, 'इंटरनेट पर हिंदी पाठकों का पिछले 15 सालों से दिल जीत रहे प्रभासाक्षी.कॉम का डेस्कटॉप वर्जन मोबाइल फोन पर भी आसानी से और तीव्र गति से खुल सकेगा। पाठक हालाँकि चाहें तो गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर से प्रभासाक्षी का मोबाइल एप भी डाउनलोड कर सकते हैं।'
शुभारंभ के मौके पर द्वारिकेश इंफॉर्मेटिक्स के निदेशक श्री बी.जे. माहेश्वरी जी, द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्णकालिक निदेशक श्री वी.एस. बंका, समूह के तकनीकी निदेशक श्री रूपेश वैश, प्रभासाक्षी संपादकीय टीम के सह-प्रभारी श्री सुधांशु शर्मा, तकनीकी सेवाएं देने वाली कंपनी फोर-सी प्लस की ओर से श्री शैलेन्द्र दुबे, श्री सुमित निरवाल और तकनीकी सहयोग प्रदान करने वाली कंपनी वॉट की ओर से सुश्री नेहा मेहता, सुश्री अर्चना, श्री नीरज केशरी आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रभासाक्षी से जुड़े कई लेखक और पत्रकार भी उपस्थित रहे और अपनी शुभकामनाएँ प्रदान कीं।
गौरतलब है कि प्रभासाक्षी.कॉम पिछले डेढ़ दशक से ज्यादा समय से देश और विदेशों के कोने-कोने में हिंदी पाठकों का चहेता बना हुआ है। वर्तमान में प्रतिदिन दस लाख से ज्यादा हिट्स प्राप्त करने वाले इस पोर्टल पर प्रकाशित सामग्री रुचिकर और पठनीय होने के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता से भरी होती है। जहाँ इंटरनेट पर सनसनीखेज और अशालीन सामग्री की भरमार है, वहीं प्रभासाक्षी ने साफ-सुथरी तथा निष्पक्षतापूर्ण सामग्री के माध्यम से अपनी अलग पहचान बनाई है। यह पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण नहीं कर रहा अपितु भारतीय संस्कृति और भारतीयता का संदेश प्रसारित करने में भी तल्लीनता के साथ जुड़ा हुआ है।
देश के अनेक जाने-माने पत्रकार, लेखक, साहित्यकार, व्यंग्यचित्रकार आदि प्रभासाक्षी के साथ जुड़े रहे हैं। स्व. खुशवंत सिंह, स्व. अरुण नेहरू, स्व. दीनानाथ मिश्र प्रभासाक्षी पर नियमित कॉलम लिखते रहे। वर्तमान में श्री तरुण विजय, श्री राजनाथ सिंह सूर्य और श्री कुलदीप नायर जैसे प्रतिष्ठित स्तंभकार प्रभासाक्षी से जुड़े हुए हैं। तकनीकी दृष्टि से भी इस पोर्टल ने नए प्रतिमान कायम किए हैं, विशेषकर हिंदी भाषा में मौजूद प्रारंभिक सीमाओं तथा कठिनाइयों के बावजूद उसने गांव-कस्बों में रहने वाले नागरिकों के लिए उनकी अपनी भाषा में समाचार और विश्लेषण प्राप्त करना आसान बनाया है।
लगभग डेढ़ दशक पहले जब इंटरनेट पर हिंदी नाममात्र के लिए उपलब्ध थी उस समय प्रभासाक्षी के प्रबंध संपादक श्री गौतम मोरारका ने बिना किसी व्यावसायिक लाभ की अपेक्षा करते हुए इंटरनेट पर हिंदी भाषा के विकास, विस्तार और आम भारतीयों तक उनकी अपनी भाषा में वांछित जानकारी पहुँचाने का जो लक्ष्य तय किया था उसे देश-विदेश के लाखों पाठकों की बदौलत हासिल तो कर लिया गया लेकिन चुनौती बिना आर्थिक लाभ के मैदान में डटे रहने की थी। पिछले 16 वर्षों में पता नहीं कितने हिंदी के समाचार पोर्टल आए और गए लेकिन श्री मोरारका जी के दृढ़ निश्चयी रुख और हिंदी भाषा के प्रति प्रतिबद्धता के कारण प्रभासाक्षी मैदान में ना सिर्फ डटा रहा बल्कि अपने तीव्र अपडेशन और विविधता भरी पठनीय सामग्री के चलते समाचार जगत में एक अलग पहचान बनाने में भी कामयाब रहा।