नए तालिबानी नेता के पास शांति चुनने का मौका है: अमेरिका

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 26, 2016

वाशिंगटन। अमेरिका ने कहा है कि तालिबान के नए नेता के पास शांति चुनने और अफगान नीत शांति वार्ता में शामिल होने के लिए बातचीत के जरिए समाधान तलाशने की ओर काम करने का अवसर है। विदेश मंत्रालय के उपप्रवक्ता मार्क टोनर कल अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि वह इस मौके का लाभ उठाएगा।’’ पाकिस्तान में शनिवार को एक अमेरिकी ड्रोन हमले में मुल्ला मंसूर की मौत के बाद तालिबान ने एक धार्मिक नेता मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा को अपना नया नेता नियुक्त किया है। तालिबान ने अफगान सरकार की शांति पहल को खारिज कर दिया है।टोनर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘उसके (हैबतुल्ला) के पास शांति का चयन करने और वार्ता के जरिए एक समाधान तलाशने की दिशा में काम करने का अवसर है। हम उम्मीद करते हैं कि वह अब यह चयन करेगा।’’ अखुंदजादा का नाम आतंकवादियों के नाम वाली किसी सूची में शामिल नहीं है। टोनर ने इन प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया कि क्या वह अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों के निशाने पर है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस संबंधी पहले से कुछ नहीं बताउंगा कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हित में हम किसे निशाना बना सकते हैं।''

 

इस बीच अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने उम्मीद जताई कि अखुंदजादा के नेतृत्व में नए तालिबानी नेतृत्व को सद्बुद्धि मिलेगी। कार्टर ने अपने साथ यात्रा कर रहे संवाददाताओं से रोड आइलैंड में न्यूपोर्ट पर कहा, ‘‘हमें यह देखना होगा कि नया तालिबानी नेतृत्व किस निष्कर्ष पर पहुंचता है। निस्संदेह उन्हें जो निष्कर्ष निकालना चाहिए, वह यह है कि वे जीत नहीं सकते।’’ कार्टर ने कहा कि अमेरिका के समर्थन वाला अफगान सुरक्षा बल उनसे मजबूत बनेगा। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए सरकार के साथ शांति स्थापित करने का विकल्प नहीं चुनने पर युद्धक्षेत्र में उनकी हार निश्चित है। हम इसी परिस्थिति में उन्हें डालना चाहते हैं।’’ रक्षा मंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘इस स्थिति से, यदि यह संभव है तो तालिबान का कोई समझदार नेता यह निष्कर्ष निकालेगा कि वे केवल हथियारों से नहीं जीत सकते। हम यह देखेंगे कि यह व्यक्ति इस निष्कर्ष पर पहुंचता है या नहीं। निस्संदेह उससे पहले के नेता ने यह निष्कर्ष नहीं निकाला था।’’ कार्टर ने कहा, ‘‘भविष्य की हमारी योजनाओं के बारे में मैं एकमात्र बात यही कहूंगा। अफगानिस्तान में हमारी योजना अमेरिका बलों की समग्र संख्या कम करने की है लेकिन हम लंबे समय तक वहां रहेंगे। यह अफगान सुरक्षा बलों की मदद करने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें आर्थिक मदद देना जारी रखेंगे। नाटो सहयोगियों ने संकेत दिया है कि वे अफगान सुरक्षा बलों को आर्थिक मदद देते रहेंगे और यह सबसे महत्वपूर्ण बात है।''

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