By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 29, 2022
सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ ने जैसे ही आज की कार्यवाही शुरू की, मेहता ने न्यायमूर्ति ललित का स्वागत किया और उन्हें सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन मिलने का आश्वासन दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने भी पूरे बार की ओर से सीजेआई को शुभकामनाएं दीं। शीर्ष अदालत के समक्ष आज 60 जनहित याचिकाओं सहित 900 याचिकाएं सूचीबद्ध की गयी थीं, जिनमें विद्यालयों में हिजाब पहनकर आने की मनाही संबंधी कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील भी शामिल हैं। उच्च न्यायालय ने कहा था कि महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम में धार्मिक परम्परा का एक अनिवार्य हिस्सा नहीं है। न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट के साथ पीठ की अध्यक्षता कर रहे सीजेआई ललित ने 62 याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें से 10 जनहित याचिकाएं थीं। न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने शनिवार को भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।
बतौर सीजेआई, न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल महज 74 दिनों का ही होगा और 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर वह आठ नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। न्यायमूर्ति ललित के बाद दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ नये सीजेआई बन सकते हैं। न्यायमूर्ति ललित भारत के छठे प्रधान न्यायाधीश होंगे, जिनका कार्यकाल 100 दिनों से कम होगा। बतौर सीजेआई न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह का कार्यकाल सबसे छोटा महज 18 दिनों का था। उन्होंने 25 नवंबर, 1991 और 12 दिसंबर, 1991 के बीच बतौर सीजेआई अपनी सेवा दी थी। न्यायमूर्ति एस. राजेन्द्र बाबू (दो मई से 31 मई, 2004 तक) 30 दिन, न्यायमूर्तिजे. सी. शाह (17 दिसम्बर, 1970 से 21 जनवरी, 1971 तक) 36 दिन सीजेआई पद पर रहे थे। न्यायमूर्ति जी बी पटनायक का कार्यकाल 41 दिन (आठ नवम्बर से 18 दिसम्बर 2002 तक) और न्यायमूर्ति एल एम शर्मा का कार्यकाल 86 दिन (नवम्बर 1992 से 11 फरवरी 1993 तक) रहा।