By अनुराग गुप्ता | Nov 16, 2020
पटना। बिहार चुनाव में राजग को मिली जीत के बाद सोमवार शाम को नीतीश कुमार 7वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि राजग में शामिल भाजपा, जदयू, हम और वीआईपी के कोटे से कितने विधायकों को मंत्रीपद मिल सकता है। ऐसे में 3.5 का एक फॉर्मूला सामने आया है। राजग ने 125 सीटों पर जीत दर्ज की है। ऐसे में भाजपा ने 74, जदयू ने 43, हम और वीआईपी ने 4-4 सीटें जीतने में कामयाबी हासिल की है।
बता दें कि संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक 15 फीसदी सदस्यों को ही मंत्री बनाया जा सकता है। ऐसे में बिहार की 243 सदस्यों वाली विधानसभा में मुख्यमंत्री समेत 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं और 3.5 फॉर्मूले के मुताबिक 74 सीटें जीतने वाली भाजपा को सबसे ज्यादा 21 मंत्री पद मिल सकते हैं। जबकि जदयू को 12 मंत्री पद, हम और वीआईपी के खेमे से एक-एक मंत्री बनाया जा सकता है।
जदयू के 14 मंत्रियों ने लड़ा था चुनाव
जदयू के 14 मंत्री चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे थे जिनमें से आठ मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में बचे हुए छह मंत्रियों को फिर से मंत्री पद मिलने की संभावना जताई जा रही है। जबकि बचे हुए पदों के लिए जदयू को समीकरण को ध्यान में रखते हुए विधायकों को मंत्रीपद के लिए चुनने के लिए काफी माथापच्ची करनी पड़ रही है। वहीं, मंत्रिपद के लिए पिछली बार से अलग विधायकों का भी चुनाव हो सकता है। ऐसे में जब तक नाम तय नहीं हो जाते हैं तब तक कुछ कह पाना मुश्किल है।
जीतनराम मांझी की पार्टी हम की बात की जाए तो वह पांच में से 4 सीटें जीतने में कामयाब हो पाई है और फॉर्मूले के मुताबिक हम पार्टी से एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीतनराम मांझी खुद नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनना चाहते हैं। ऐसे में जीतनराम मांझी के बेटे संतोष मांझी को मंत्री बनाया जा सकता है जो विधानपरिषद के सदस्य हैं। वहीं, मुकेश सहनी खुद चुनाव हार गए हैं। जबकि पार्टी ने 11 में से 4 सीटें निकाल ली हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मुकेश सहनी को विधान परिषद का सदस्य बनाया जा सकता है और वह खुद मंत्री बन सकते हैं।
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