By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 26, 2020
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तीनों काले कानूनों को वापस लेने की मांग करती है। उन्होंने कहा, ‘‘ केवल मोदी जी के पूंजीपति मित्रों के फायदे को ध्यान में रखकर ये कानून बनाये गये हैं। ’’ उन्होंने पिछले छह साल में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी पांच काम किये जाने का जिक्र करते हुए कहा , ‘‘ 12 जून 2014 को जैसे ही मोदी सरकार केंद्र की सत्ता में आयी, सबसे पहले एक अधिसूचना जारी की गयी कि अगर कोई राज्य सरकार एक रूपया बोनस भी यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य से उपर देगी तो उस राज्य से केन्द्र सरकार एमएसपी पर कोई फसल नहीं खरीदेगी। यह मोदी सरकार का किसानों के हितों पर पहला कुठाराघात था। उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के कार्यकाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य बढोत्तरी धान में 134 प्रतिशत की थी और मोदी सरकार में यह केवल 42 प्रतिशत हुआ। इसी तरह, गेहूं की एमएसपी में हमारे समय में 122 प्रतिशत वृदि्ध हुई थी, जबकि मोदी सरकार के समय में केवल 41 प्रतिशत की वृदि्ध हुई है।’’
माकन ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ यह योजना किसानों की बीमा योजना नहीं थी, बल्कि यह केवल बड़े कॉरपोरेट घरानों और निजी कपनियों को फायदा पहुंचाने के लिये थी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘2016 में जब खरीफ सत्र में यह लागू किया गया, तो तीन वर्ष में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और किसानों ने मिलकर कुल एक लाख करोड़ रूपया निजी कंपनियों को बीमा के लिये दिया और इन तीन साल में 26,121 करोड़ रूपये का मुनाफा इन कंपनियों को हुआ।