By अभिनय आकाश | Dec 01, 2022
जिस पल का इंतजार हरेक देशवासी को था वो घड़ी आ गईय़ भारत ने एक दिसंबर को आधिकारिक तौर पर जी 20 की अध्यक्षता संभाल ली है। जी 20 दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। इसकी अध्यक्षता संभालते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये समय भारत की आध्यात्मिक परंपरा से प्रोत्साहित होने का है। प्रधानमंत्री मोदी ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर कहा कि अब समय पुरानी घिसी-पिटी मानसिकता में फंसे रहने का नहीं है। यह समय हमारी आध्यात्मिक परंपराओं से प्रेरित होने का है, जो वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए मिलकर काम करने की वकालत करता है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक एक वर्ष के लिए G20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत 2023 में 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में G-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। जी20 शिखर सम्मेलन तक देश भर के 50 शहरों में 200 से अधिक बैठकों की योजना बनाई गई है। इनमें से कुछ बैठकों की मेजबानी करने के लिए देश के उन हिस्सों का चयन किया गया है जिनके बारे में लोगों को बेहत कम जानकारी है।
क्यों है अहम
भारत का मानना है कि यह एक ऐसा ग्लोवल इवेंट है, जिसके माध्यम से भारत अपने देश की विविधता और विकास के 75 सालों के सफर को पूरे विश्व के सामने पेश कर सकता है।
कौन-कौन है जी-20 में
जी-20 यानी दुनिया के शक्तिशाली और उभरते 20 देशों का समूह। इसका मुख्य सम्मेलन अगले साल 9 और 10 सितंबर को भारत में होगा। जी-20 देशों में अमेरिका, रूस, चीन, भारत के अलावा अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, सऊदी अरव, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं। इसके अलावा भारत ने इसमें शामिल होने के लिए बांग्लादेश, यूएई, मॉरीशस, अफ्रीकी यूनियन, रवांडा, नाइजीरिया, ओमान क भी आमंत्रण दिया है।
समस्या का हल बताएगा भारत
सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि हर जी-20 सम्मेलन में एक बड़ी समस्या से निपटने का रास्ता दिखाया जाता है और भारत भी अगले सम्मेलन में ऐसा ही करेगा।
किन मुद्दों पर फोकस
सीनियर अधिकार ने कहा कि आने वाले समय में मंदी की आशंका के बीच कई अहम मसले सामने आएंगे। साथ ही इसमें डिजिटल क्रांति और गवर्नेस पर बड़ा फोकस रहेगा। रिन्युएबल एनर्जी पर भी विस्तार से बात होगी। पर्यावरण भी चर्चा के केंद्र में होगा। महिलाओं से जुड़े मुद्दे भी चर्चा में आ सकते हैं।
रूस यूक्रेन युद्ध का क्या असर
इंडोनेशिया में आयोजित सम्मेलन पर रूस-युक्रेन युद्ध का साया नजर आया था। रूस के राष्ट्रपति पूतिन नहीं पहुंचे थे। अगले साल तक युद्ध के मौजूदा हालात के सामान्य होने की संभावना कम ही है। ऐसे में भारत के सामने बड़ी चुनौती रहेगी।
भारत के पास क्या मौका
विश्व के सबसे ताकतवर देशों की इस इवेंट का मेजवान वनने पर भारत के पास मौका होगा कि वह पूरी दुनिया के सामने खुद को जोरदार तरीके से पेश कर सके। इसी मंशा से भारत ने दस महीनों में 200 से ज्यादा इवेंट करने की योजना बनाई है।
75 वर्षों की अपनी उपलब्धियों और प्रगति बताएगा भारत
भारत जी-20 में संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, विविधता और 75 वर्षों की अपनी उपलब्धियों और प्रगति को भी पेश करेगा। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार भारत अपनी अध्यक्षता में अगले साल 9 और 10 सितंबर को जी-20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। पहली तैयारी बैठक 4-7 दिसंबर को उदयपुर में होगी। -अभिनय आकाश