By अंकित सिंह | Sep 26, 2023
2024 चुनाव को लेकर राजनीतिक दल अपने-अपने गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश में है। बिहार में भी लगातार सियासी हलचल तेज है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर अटकलें का दौर जारी है। दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार एक बार फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इसको लेकर नीतीश कुमार की ओर से एक बयान भी दिया जा चुका है। बावजूद इसके बिहार में यह सियासी चर्चा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री और एनडीए गठबंधन का हिस्सा पशुपति पारस ने बड़ा बयान दिया है। दरअसल उनसे पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से एनडीए का हिस्सा होंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि व्यक्ति बलवान नहीं, समय बलवान होता है। समय का इंतजार कीजिए। स्वागत होगा उनका।
पशुपति पारस के बयान ने एक बार फिर से बता दिया कि कहीं ना कहीं बिहार में कोई ना कोई खिचड़ी जरूर पक रही है। हालांकि दोनों आर से इससे इनकार किया जा रहा है। बिहार के राजनीतिक हालात को देखें तो 2024 के लिए भाजपा को नीतीश कुमार की बेहद जरूरत है। भाजपा और जदयू ने मिलकर 2019 का चुनाव लड़ा था और 40 में से 39 सीटों पर कब्जा किया था। लेकिन इस बार जदयू और भाजपा अलग-अलग है। नीतीश कुमार ने भाजपा से अलग होने के बाद विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए काम किया। उनके ही नेतृत्व में सबसे पहले सभी विपक्षी दल के प्रमुख नेता एक मंच पर आए थे। बाद में इंडिया गठबंधन बना। लेकिन दावा किया जा रहा है कि नीतीश कुमार नाराज चल रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि जिस तरीके से कांग्रेस इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रही है, वह नीतीश कुमार को बिल्कुल भी पसंद है नहीं आ रहा है।
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार नाक भी रगड़ ले फिर भी भाजपा का दरवाज़ा उनके लिए बंद हो चुका है... वे अब एक राजनीतिक बोझ हो चुके हैं और जो बोझ बन चुका है उसको ढ़ोने का काम भाजपा क्यों करेगी। बिहार के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्हें (नीतीश कुमार को) कौन वापस ले जा रहा है? बिहार के लोग उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं और उनके साथ वालों का डूबना तय है।" वहीं, नीतीश कुमार ने कहा कि आपको पता है कि हमने विपक्षी गठबंधन को एकजुट किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कौन क्या बोलता है, वह मुझे पता नहीं। उन्होंने कहा कि कौन क्या बोलता है, इससे हमें मतलब नहीं है, हम हर रोज की तरह काम कर रहे हैं।
इंडिया गठबंधन के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार को लेकर फिलहाल दावा किया जा रहा है कि उनका एक बार फिर से भाजपा के साथ उनकी नजदीकी बढ़ रही है। इस बात को बल तब और मिल गया जब हरियाणा में देवीलाल की जयंती पर इंडियन नेशनल लोकदल के उस कार्यक्रम से नीतीश ने दूरी बना ली जिसमें विपक्ष के कई बड़े नेता शामिल होने वाले है। नीतीश कुमार इसकी जगह पटना में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में शामिल होने पहुंच गए। इसी के बाद एनडीए से नजदीकियों को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई। इसको लेकर पटना में पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछ दिया। जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि आपको पता है कि हमने विपक्षी गठबंधन को एकजुट किया है। उन्होंने कहा कि कौन क्या बोलता है, इससे हमें मतलब नहीं है, हम हर रोज की तरह काम कर रहे हैं।