By नीरज कुमार दुबे | Jan 04, 2024
इंडी गठबंधन के दलों की ओर से हिंदुओं की आस्था पर लगातार प्रहार जारी है। कभी कोई नेता सनातन धर्म पर हमला करता है तो कभी कोई हिंदुत्व का मजाक उड़ाता है। अभी एक दिन पहले ही राष्ट्रीय जनता दल के विधायक फतेह बहादुर सिंह ने एक पोस्टर लगवा कर सनातन धर्म और अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर का अपमान किया तो अब शरद पवार के गुट वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री जितेंद्र आह्वाड़ ने प्रभु श्रीराम के बारे में अमर्यादित टिप्पणी कर दी है। इंडी गठबंधन के राष्ट्रीय प्रवक्ता जितेंद्र आव्हाड ने प्रभु श्रीराम को मासांहारी बताया है जिस पर बड़ा भारी विवाद हो गया है। आव्हाड ने विवादित बयान देते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम मांसाहारी थे। उन्होंने कहा कि श्रीराम क्षत्रिय थे और क्षत्रिय मांसाहारी होते हैं। उनके इस बयान के बाद भाजपा और एनसीपी के अजित पवार गुट के कार्यकर्ताओं ने आव्हाड के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी प्रभु श्रीराम की तस्वीर भी लाए थे। उन्होंने जितेंद्र आव्हाड मुर्दाबाद के नारे लगाये। इस घटना के बाद जितेंद्र आव्हाड के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
इस बीच मुंबई से भाजपा विधायक राम कदम ने पुलिस को एक शिकायती पत्र देकर जितेंद्र आव्हाड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है। भाजपा नेता राम कदम ने कहा, "...क्या हो गया है इन्हें? एक ओर शरद पवार की चुप्पी, दूसरी ओर उद्धव ठाकरे की चुप्पी... परिवार को कैसे राजनीति में लाएं उन्हें (उद्धव ठाकरे) बस इसी बात की पड़ी है... ये सोची समझी राजनीति है...बार-बार हिंदू समाज का मजाक उड़ाओ और किसी एक संप्रदाय को खुश करो।"
भाजपा नेता राम कदम ने कहा, "...पुलिस ने हमें आश्वस्त किया है कि वीडियो फुटेज की जांच करके उनके (जितेंद्र आव्हाड) खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये प्रभु राम चंद्र जी के दिए गए आदर्शों पर चलने वाली सरकार है। महाराष्ट्र की भूमि पर हम किसी को भी देवी-देवताओं का अपमान नहीं करने देंगे।"
दूसरी ओर, शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड के बयान पर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, "NCP के नेता जो बोल रहे हैं वो बिल्कुल गलत है। किसी भी शास्त्र में ऐसा नहीं लिखा है कि भगवान जब वनवास के लिए गए थे तो उन्होंने मांस खाया था। सभी जगह लिखा है कि उन्होंने कंद-मूल फल खाए... शास्त्र ही प्रमाण हैं... ये विचार निंदनीय हैं।"
वहीं अयोध्या स्थित तपस्वी छावनी के पुजारी आचार्य जगद्गुरु परमहंस ने भी जितेंद्र आव्हाड के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि तुष्टिकरण की राजनीति से किसी का भला नहीं होगा।