By अनुराग गुप्ता | Nov 05, 2019
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए 11 दिन बीत चुके हैं। इसी बीच खबर सामने आ रही है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अपना समर्थन शिवसेना को दे दिया है। जबकि कांग्रेस बाहर से अपना समर्थन दे रहे हैं। द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक राकांपा शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार में शामिल होने की इच्छुक है, जिसका कांग्रेस बाहर से समर्थन दे रही है।
खबर में आगे बताया गया इस गठबंधन वाली सरकार में कांग्रेस को विधानसभा स्पीकर का पद मिल सकता है। हालांकि इस बात पर अंतिम मुहर तभी लगेगी जब शिवसेना और भाजपा का गठबंधन पूरी तरह से टूट जाएगा। राकांपा के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर 1995 का शिवसेना-भाजपा फार्मूला याद दिलाया और कहा कि उस वक्त शिवसेना का मुख्यमंत्री बना था, जबकि भाजपा को उपमुख्यमंत्री पद मिला था। इसी तर्ज पर शिवसेना का मुख्यमंत्री और राकांपा का उपमुख्यमंत्री होगा।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के 161 सदस्य निर्वाचित हुए हैं। इनमें से भाजपा के 105, जबकि शिवसेना के 56 विधायक हैं। कांग्रेस के 44 और एनसीपी के 54 सदस्यों ने भी चुनाव में जीत दर्ज की हैं।
वहीं, मंगलवार सुबह शिवसेना नेता संजय राउत ने दुष्यंत कुमार की कविता ट्वीट करते हुए कहीं-न-कहीं भाजपा को चेताया है। उन्होंने लिखा कि हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है ये सूरत बदलनी चाहिए। इसी बीच उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में अब हवा बदल रही है।
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इतिहास में दर्ज है शिवसेना ने कांग्रेस को दिया था समर्थन
इंदिरा गांधी द्वारा देश में आपातकाल की घोषणा किए जाने के बाद तमाम पार्टियों ने कांग्रेस का विरोध किया था लेकिन उस वक्त शिवसेना ने कांग्रेस का समर्थन किया था। उसके बाद साल 1977 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें बालासाहब ठाकरे ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था। हालांकि शिवसेना को यह समर्थन काफी मंहगा पड़ा था क्योंकि 1978 के विधानसभा चुनाव और बीएमसी चुनाव में शिवसेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
क्या आदित्य ठाकरे बनेंगे मुख्यमंत्री
इस सवाल के जवाब में राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आदित्य को मुख्यमंत्री बनाने की गलती नहीं करेंगे। क्योंकि ऐसा करने से लोगों में यह संदेश जाएगा कि भाजपा के साथ शिवसेना का गठबंधन इसलिए टूटा क्योंकि उद्धव पर पुत्रमोह छाया हुआ था।
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आपको बता दें कि टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक राकांपा अपना समर्थन शिवसेना को दे रही है। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवसेना का बनेगा। ऐसे में उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र की जनता को यह दिखाना चाह रहे हैं कि उन्होंने बालासाहब ठाकरे को दिया गया अपना वादा पूरा किया। दरअसल, उन्होंने बालासाहब से कहा था कि एक दिन महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा।