By नीरज कुमार दुबे | Oct 09, 2023
हमास की ओर से किये गये आतंकवादी हमले के चलते इजराइल की ओर से हो रहे भीषण पलटवार से फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को दर्द हो रहा है। इससे सवाल उठता है कि क्या यह दोनों नेता हमास की ओर से की गयी आतंकवादी हमले को सही ठहरा रहे हैं? सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्यों गलती करने के बाद धर्म की आड़ लेकर छिपने का प्रयास होता है? नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र फिलस्तीन के मुद्दे को सुलझाने में विफल रहा है तो वहीं महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि इजराइल की प्रशसंक मोदी सरकार कश्मीर में भी इजराइल जैसी कार्रवाई करती रहती है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि “युद्ध हर तरह से बुरा है क्योंकि इससे लोगों का नुकसान होता है। इतने सारे निर्दोष इजराइली मारे गए, इतने सारे निर्दोष फलस्तीनी मारे गए। युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।”
चरमपंथी समूह हमास के इजराइल पर हमला करने के बाद अब्दुल्ला ने यह बात कही है। इस हमले के बाद इजराइल ने भी जवाबी हमला किया है, जिसके चलते दोनों ओर सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। अब्दुल्ला ने पत्रकारों से कहा, “युद्ध हर तरह से बुरा है क्योंकि इससे लोगों का नुकसान होता है। इतने सारे निर्दोष इजराइली मारे गए, इतने सारे निर्दोष फलस्तीनी मारे गए। युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।” श्रीनगर से लोकसभा सदस्य अब्दुल्ला ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र दशकों पुराने फलस्तीन मुद्दे को सुलझाने में विफल रहा है। उन्होंने कहा, “अफसोसजनक बात यह है कि संयुक्त राष्ट्र विफल हो गया है। फलस्तीन मुद्दा इतने लंबे समय से अटका हुआ है और वे इसका समाधान नहीं कर रहे हैं। निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं।”
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी कहा कि उन्हें इजराइल और फलस्तीनियों के बीच शत्रुता समाप्त होने की उम्मीद है। मुफ्ती ने कहा कि इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के प्रति दुनिया को जगाने के लिए हमेशा मौत और विनाश की जरूरत पड़ जाती है। मुफ्ती ने कहा, “इजराइल और फलस्तीन के बीच रक्तपात समाप्त होने के लिए प्रार्थना करती हूं। शांति कायम हो।” उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यपूर्ण है कि दुनिया को इजराइल-फलस्तीन संघर्ष के प्रति जगाने के लिए ऐसी मौत और विनाश की आवश्यकता होती है। साल-दर-साल निर्दोष फलस्तीनियों की हत्या की जाती है और उनके घरों को नष्ट कर दिया जाता है, तब चुप्पी साधे रखी जाती है।” महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इजराइल शुरू से ही मुसलमानों पर अत्याचार करता रहा है इसलिए पूरी दुनिया को उसके खिलाफ एकजुट होना चाहिए।