By एकता | Sep 26, 2022
शारदीय नवरात्रि 26 सितम्बर से शुरू हो गए हैं और देशभर में इसकी धूम देखने को मिल रही है। नवरात्रि एक प्रमुख हिन्दू त्यौहार हैं, जिसे भारत के अलग-अलग राज्यों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। इस त्यौहार की भव्यता का अंदाजा लोगों की खुशी, उनके जोश और उत्साह को देखकर लगाया जा सकता है। नवरात्रि के नौ दिनों में लोग माँ दुर्गा के स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं, ताकि वह माता को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। इस दौरान लोग व्रत रखना भी पसंद करते हैं, जो हमारे शरीर और मन के लिए अच्छा माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि के दौरान कुछ चीजें करने की मनाही होती है, जिसमें बाल कटवाना, लहसुन या प्याज खाना, कपड़े धोना और सेक्स करना शामिल है। इनके अलावा नवरात्रि में शादी करने से भी मना किया जाता है। लेकिन क्यों? दरअसल, शादी के बाद नवविवाहित जोड़े एक दूसरे से मिलन करते हैं, मतलब सेक्स करते हैं और हिन्दू धर्म में व्रत के दौरान सेक्स करना वर्जित है। चलिए हम आपको आध्यात्मिक, धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों के जरिये बताते हैं कि क्यों हिन्दू धर्म में व्रत के दौरान सेक्स करने से मना किया जाता है।
आध्यात्मिक दृष्टि से- नवरात्रि के दौरान देवी माँ को प्रसन्न करने के लिए लोग व्रत रखते हैं। व्रत के लिए एकाग्रता और ध्यान की आवश्यकता होती है, इसलिए इस दौरान सेक्स करने से मना किया जाता है। सेक्स को ध्यान केंद्रित करने में सबसे बड़ी बाधा माना जाता है।
धार्मिक दृष्टि से- मान्यता है कि जब माँ दुर्गा धरती पर आती हैं तो इस दौरान वह हर महिला के शरीर में निवास करती हैं। इसलिए इस दौरान महिलाओं को संबंध बनाने से मना किया जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टि से- व्रत में लोग ज्यादातर समय भूखे रहते हैं, इस वजह से उनके शरीर की ऊर्जा कम हो जाती है। वहीं दूसरी तरफ सेक्स करने के लिए बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जो व्रत के दौरान शरीर के लिए जुटा पाना मुश्किल होता है।