By अंकित सिंह | Jun 25, 2022
महाराष्ट्र में राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। शिवसेना से एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से महा विकास आघाडी की सरकार अल्पमत में दिखाई दे रही है। एकनाथ शिंदे के पास शिवसेना के लगभग 38 विधायकों का समर्थन मौजूद है। शिवसेना की ओर से पहले तो इन विधायकों को मनाने की कोशिश की गई थी। हालांकि, अब सख्ती दिखाई जा रही है। विपक्ष महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर भाजपा को जिम्मेदार बता रहा है। इन सब के बीच अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा की भी एंट्री हो गई है। नवनीत राणा एकनाथ शिंदे गुट के साथ खड़ी दिखाई दे रही है। इसके साथ ही उन्होंने इन विधायकों के लिए कई मांग भी कर दी है।
नवनीत राणा की मांग
नवनीत राणा की ने शिंदे गुट के विधायकों के परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कहा कि मैं अमित शाह से उन विधायक के परिवारों को सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध करती हूं जो उद्धव ठाकरे को छोड़कर बालासाहेब की विचारधारा से जुड़े रहकर अपने निर्णय ले रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए ताकि उद्धव ठाकरे की गुंडागर्दी बंद हो और महाराष्ट्र के लोगों की इससे रक्षा की जा सके। शिंदे और बड़ी संख्या में विधायकों ने 21 जून को उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था। विद्रोही समूह की मुख्य मांग यह है कि शिवसेना सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) से खुद को अलग करे, जिसमें राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं।
अमरावती से निर्दलीय लोकसभा सदस्य नवनीत राणा की यह मांग ऐसे समय में आई है जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह और कुछ बागी विधायकों के कार्यालयों पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाएं हो रही हैं। नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा, उद्धव ठाकरे के कटु आलोचक हैं और उन्होंने अप्रैल में घोषणा की थी कि वे मुंबई के बांद्रा स्थित शिवसेना प्रमुख के निजी घर ‘मातोश्री’ के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। दंपति को 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, मई की शुरुआत में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।