By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 06, 2021
चंडीगढ़। पंजाब के महाधिवक्ता एपीएस देओल ने शनिवार कोकांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर हमला बोला तथा उन पर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए सरकार के कामकाज में बाधा डालने और गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया। देओल की यह टिप्पणी सिद्धू द्वारा पंजाब कांग्रेस प्रमुख पद से अपना इस्तीफा वापस लेने के एक दिन बाद आई है। इस्तीफा वापस लेने के बाद सिद्धू ने ऐलान किया था कि वह तब तक पदभार ग्रहण नहीं करेंगे जब तक देओल को महाधिवक्ता पद से हटाया नही जाता है और नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए पैनल का गठन नहीं किया जाता है।
सिद्धू ने 28 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया था। देओल ने बयान जारी कर कहा कि सिद्धू की बयानबाजी नशे और और बेअदबी के मामलों में न्याय सुनिश्चित करने के प्रदेश सरकार के गंभीर प्रयासों को पटरी से उतारने का प्रयास है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘नवजोत सिंह सिद्धू सरकार और महाधिवक्ता के कार्यालय के कामकाज में बाधा डाल रहे हैं और वह अपने राजनीतिक सहयोगियों पर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए गलत सूचना फैला रहे हैं।’’ महाधिवक्ता ने आरोप लगाया, ‘‘ पंजाब में आसन्न विधानसभा के मद्देनजर निहित स्वार्थों की पूर्ति के लिए कांग्रेस पार्टी को नुकसान पहुंचानेऔर राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए पंजाब के महाधिवक्ता के संवैधानिक कार्यालय का राजनीतिकरण करने के पुख्ता प्रयास किए जा रहे है।’’
अमृतसर पूर्व के विधायक सिद्धू देओल और पुलिस महानिदेशक इकबालप्रीत सिंह सहोता की नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। देओल और सहोता दोनों को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की पसंद का माना जाता है। पिछले महीने सिद्धू ने कहा था कि अगर महाधिवक्ता और पुलिस महानिदेशक को नहीं हटाया गया तो कांग्रेस का कोई चेहरा नहीं होगा। देओल ने 2015 मेंबेअदबी की घटनाओं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी से संबंधित मामलों में पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक सुमेध सिंह सैनी की पैरवी की थी जबकि सहोता को पिछली शिअद-भाजपा सरकार ने बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल का प्रमुख बनाया था। देओल ने अतुल नंदा का स्थान लिया था, जिन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद सितंबर में यह पद छोड़ दिया था। इस हफ्ते की शुरुआत में ऐसी खबरें आई थीं कि देओल ने एजी पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी। हालांकि वरिष्ठ अधिवक्ता ने इन खबरों का खंडन किया।