By दिव्यांशी भदौरिया | May 25, 2024
भीषण गर्मी के नौ दिन नौतपा 25 मई यानी आज से शुरु हो चुके है और यह 2 जून तक रहेंगे। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा आरंभ होता है। इन नौ दिनों तक सूर्य धरती के सबसे नजदीक आ जाता है और इसी के साथ शुरु होंगे आग उगलने वाले जेठ महीने के नौ दिन। अगर आपको भी ये हेल्थ कंडीशंस हैं तो नौतपा के दौरान घर से बाहर निकलें।
कार्डियोवस्कुलर डिजीज
गर्मी ज्यादा बढ़ने पर हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है। यह सामान्य लोगों को भी हो सकता है, लेकिन उन लोगों को खतरा ज्यादा है, जो लोग किसी हार्ट कंडीशन से जूझ रहे हैं। गर्मी में शरीर का तापमान मेन्टेन करने के लिए ब्लड फ्लो बढ़ता है, इसलिए हार्ट को ज्यादा ब्लड पंप करना पड़ता है। यानी वह अपनी सामान्य क्षमता से कहीं ज्यादा काम कर सकता है।
अस्थमा
अगर आपको रेस्पिरेटरी डिजीज जैसे अस्थमा या सांस से संबंधी कोई बीमारी है या अभी तक बीमारी डिसकवर नहीं हुई है, लेकिन आप हैवी स्मोकर हैं तो आपको गर्मी के कारण खतरा हो सकता है। इस दौरान आपको रेस्पिरेटरी इंफेक्शन का रिस्क भी बढ़ जाता है।
किडनी
किडनी का कार्य होता है कि शरीर से सारे अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करके बाहर निकालना। हीट वेव के कारण किडनी फंक्शन पर बुरा असर पड़ता है। किडनी टॉक्सिन्स को ढंग से साफ नहीं कर पाती और किडनी फेल्योर के अलावा सीवियर इंफेक्शन का रिस्क भी बढ़ जाता है।
डायबिटीज
नौतपा के 9 दिनों में भीषण गर्मी पड़ेगी। तो ऐसे में डायबिटीज का सबसे कॉमन और सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है। गर्मी ज्यादा बढ़ने पर इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है और बॉडी का सामान्य ब्लड शुगर लेवल मेन्टेन करने में पैंक्रियाज को काफी मेहनत करना पड़ती है।
न्यूरोलॉजिकल कंडीशंस
अगर किसी को मल्टीपल स्क्लेरोसिस (MS) या पार्किंसन जैसी खतरनाक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन हो तो इस दौरान इसके लक्षण सीवियर और ट्रिगर हो सकते हैं।
मेंटल हेल्थ
तापमान के बढ़ने से स्ट्रेस , तनाव, डिप्रेशन या PTSD जैसी कंडीशन के ट्रिगर होने की संभावना हो सकती है।
नौतपा के दौरान बरतें सावधानियां
- दिन के समय घर से बाहर बिलकुल न निकलें।
- हो सकें तो वर्क फ्रॉम होम ही करें।
- यदि संभव हो तो 9 बजे के पहले ऑफिस जाएं और शाम 6 बजे पहले बाहर न निकलें
- नौतपा के 9 दिनों में सिगरेट और शराब के सेवन करने से बचें।
- खाने में गर्म और मसालेदार चीजें न खाएं।
- कोल्ड ड्रिंक या आइसक्रीम का सेवन न करें।
- पानी वाले फल जैसे तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी ज्यादा खाएं।
- नियमित रुप से दही, छाछ, नारियल पानी वगैरह लेते रहें।